Mid Day Meal की धांधली आएगी सबके सामने, Anil Singh Chandel ने खोले कई राज

मुंबई : स्कूल में बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे मील में होने वाली धांधली पर बनाई गई फिल्म Mid Day Meal सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. Ranvir Shorey फिल्म में लीड एक्टर के तौर पर नजर आ रहे हैं. First India Filmy ने एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर Anil Singh Chandel से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने मिड डे मील में की जाने वाली धांधली से लेकर बॉलीवुड के फेल्योर पर खुलकर बात की.

फिल्म के बारे में अनिल (Anil) ने बताया कि फिल्म में हमने देश के 12 करोड़ बच्चों का भविष्य दिखाया है. बच्चों की सुविधा के लिए सरकार ने योजना तो बनाई है लेकिन यह उन तक ठीक तरीके से नहीं पहुंच पा रही है और वही हमने फिल्म में दिखाया है.

फिल्म में क्या चीज हाईलाइट होंगी इस बारे में बताते हुए अनिल ने कहा कि सरकार ने तो योजना अच्छी तैयार की है. सब कुछ प्रोवाइड करवाया जा रहा है लेकिन स्कूलों तक यह सब नहीं पहुंच रहा है. जो बिचौलिए है वह क्या कर रहे हैं और हम इस योजना को सुधारने के लिए क्या कर सकते हैं यह सभी चीजें फिल्म में दिखाई गई है.

यह कॉन्सेप्ट दिमाग में कैसे आया इस बारे में अनिल ने कहा कि मुझे अपनी फिल्म के लिए एक ऐसा सोशल सब्जेक्ट चाहिए था जो देश के लिए समाज के लिए और हमारे लिए जरूरी है. इसलिए मैंने मिड डे मील चुना.

बॉलीवुड फिल्में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही हैं ऐसे में मिड डे मील से आपको क्या उम्मीद है इस बारे में अनिल ने बताया कि हमने एक बेहतर सब्जेक्ट के साथ फिल्म में दर्शकों के लिए गाने भी ऐड किए हैं. फिल्म में ड्रामा, एक्शन और रोमांस भी ऐड किया है ताकि दर्शकों का भरपूर मनोरंजन हो.

फिल्म में रणवीर शोरे (Ranvir Shorey) के साथ काम करने की बात पर अनिल ने कहा कि उनके साथ काम करके बहुत अच्छा लगा उन्होंने फिल्म में हर जगह मेरा और पूरी टीम का भरपूर सपोर्ट किया है. फिल्म को शूट करने में आई परेशानी के बारे में बताते हुए अनिल ने कहा कि 2020 में हमने शूटिंग शुरू कर दी थी. लेकिन कोरोना की वजह से हमें यह सब टालना पड़ा और फिर 2022 में हमने इसे फिर से शुरू किया और अब यह सिनेमाघरों में पहुंच चुकी है.

फिल्म को बनाने से पहले इसके बारे में की गई रिसर्च के बारे में अनिल ने बताया कि मैंने खुद कई स्टेट के स्कूलों में जाकर देखा है कि वहां पर यह योजना कैसे चलाई जा रही है. बाल सुनते हैं कि इस राज्य को या इस शहर को अपने किसी अच्छे काम के लिए पुरस्कार मिल रहा है लेकिन मिड डे मील इस श्रेणी में शामिल नहीं है. मिड डे मील के बारे में हमेशा हमें यही सुनने को मिलता है कि बच्चों को मिड-डे मील नहीं मिला या मिला तो उसमें कोई कीड़ा पाया गया या फिर किसी बच्चे की मिड डे मील खाने के बाद मौत हो गई. देश के 40% बच्चे ऐसे हैं जिन तक मिड डे मील नहीं पहुंच पा रहा है. जहां पहुंच रहा है वो खाने लायक नही है. मैंने पर्सनली इन चीजों को देखा और समझा.

इसके अलावा मिड डे मील की धांधली से जुड़ी कई बातें Anil Singh Chandel ने बताई और कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. जानने के लिए देखें पूरा इंटरव्यू.