जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा. पंडित नेहरू आजादी की लड़ाई के दौरान 9 बार जेल गए. आने वाले समय में देश मोदी सरकार को सबक सिखाएगा.
सीएम गहलोत ने एक पत्र के साथ ट्वीट करते हुए लिखा कि अपना तन, मन, धन एवं जीवन देश की आजादी की लड़ाई लड़ने एवं आधुनिक भारत की नींव रखने के लिए लगा देने वाले पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने के कुप्रयास का खामियाजा भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा और समय आने पर देश मोदी सरकार को सबक सिखाएगा.
अपना तन, मन, धन एवं जीवन देश की आजादी की लड़ाई लड़ने एवं आधुनिक भारत की नींव रखने के लिए लगा देने वाले पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने के कुप्रयास का खामियाजा भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा और समय आने पर देश मोदी सरकार को सबक सिखाएगा। pic.twitter.com/KxFAXHAt5G
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 30, 2021
आजादी के अमृत महोत्सव के पोस्टर में नेहरू की तस्वीर ना लगाना निंदनीय:
उन्होंने कहा कि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR) द्वारा जारी किए गए आजादी के अमृत महोत्सव के पोस्टर में पंडित जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर ना लगाना ना सिर्फ निंदनीय है बल्कि केन्द्र सरकार की छोटी सोच का प्रदर्शन भी है. पंडित नेहरू आजादी की लड़ाई के दौरान 9 बार जेल गए. उन्होंने अपने जीवन के 3259 दिन (करीब 9 साल) जेल में गुजारे. अंग्रेजों का विरोध करते हुए कई बार उन्होंने अंग्रेजों द्वारा किए गए बल प्रयोग का सीना तान कर सामना किया.
सावरकर ने जेल जाने के एक साल बाद में ही अंग्रेजों से माफी मांगना शुरू कर दिया था:
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां विनायक दामोदर सावरकर ने जेल जाने के एक साल बाद में ही अंग्रेजों से माफी मांगना शुरू कर दिया था और कुल छह बार माफी मांगी एवं जेल से रिहा होने के बाद ब्रिटिश एजेंट बनकर काम किया वहीं पंडित नेहरू फोलाद की तरह अंग्रेजों के सामने खड़े रहे और भारत को आजादी दिलाकर अपना संकल्प पूरा किया.
अपना जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया:
सीएम गहलोत ने कहा कि नेहरू ने भारत ही नहीं विश्व पटल पर भी भारत की आजादी की बात मजबूती से रखी. भारत के सबसे अमीर परिवारों में से एक नेहरू परिवार के सदस्य जवाहर लाल नेहरू ने अपने देश की खातिर सारी सुख-सुविधाओं का त्याग कर अपना जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया. नेहरू परिवार के सभी सदस्यों मोतीलाल नेहरू, स्वरूप रानी नेहरू, जवाहर लाल नेहरू, कमला नेहरू, विजयलक्ष्मी पंडित, कृष्णा नेहरू एवं इन्दिरा प्रियदर्शनी नेहरू का भारत की आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है. उनके पिता मोतीलाल नेहरू ने अपना घर आनंद भवन भी क्रांतिकारियों के लिए दे दिया था. मोतीलाल नेहरू ने स्वराज पार्टी बनाकर आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाया. आजादी की खातिर अपना घर तक छोड़ देने वाले पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने की कोशिश करना मोदी सरकार की बेवकूफी मात्र है.
गद्दारी करने वाले लोगों को स्वतंत्रता सेनानी बताना सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान:
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द फोज (आईएनए) के तीन प्रमुख कमांडरों सहगत, ढिल्लन और शाहनवाज पर अंग्रेजों ने मुकदमा चलाया तो नेहरू ने पूरे देश में इनके समर्थन के लिए कैंपेन चलाया और आईएनए डिफेंस कमिटी बनाई. नेहरू ने अन्य वकीलों के साथ मिलकर लाल किले में वकालत करते हुए इनका मुकदमा लड़ा और आजाद हिन्द फौज के सैनिकों के मृत्युदंड को माफ करवाया. जबकि विनायक दामोदर सावरकर ने आजाद हिन्द फौज के खिलाफ ब्रिटिश सरकार की तरफ से लड़ने के लिए युवाओं को ब्रिटिश फीज में भर्ती करवाया. देश के साथ गद्दारी करने वाले ऐसे लोगों को स्वतंत्रता सेनानी बताना सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है.