Morbi Bridge Collapse: हादसे में मृतक संख्या हुई 135, कुल 170 लोगों को बचाया गया- मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी

Morbi Bridge Collapse: हादसे में मृतक संख्या हुई 135, कुल 170 लोगों को बचाया गया- मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी

मोरबी: गुजरात सरकार के मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने मंगलवार को कहा कि मोरबी पुल हादसे में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 135 हो गई है और अब तक 170 अन्य को बचा लिया गया है. अधिकारियों ने कहा कि सशस्त्र बलों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य एजेंसियों द्वारा मच्छु नदी में बचाव अभियान अभी जारी है.

राजकोट रेंज के महानिरीक्षक (आईजी) अशोक कुमार यादव ने सोमवार को कहा था कि रविवार शाम को मोरबी में पुल के टूटकर गिरने से 134 लोगों की मौत हो गई. गुजरात के कैबिनेट मंत्री त्रिवेदी ने मंगलवार को कहा, 'अब तक बचाव दलों ने 135 शव बरामद किए हैं, जबकि नदी में गिरे करीब 170 लोगों को जिंदा बचा लिया गया है.

मोरबी के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा:
मंत्री ने राज्य की राजधानी गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, 'सभी मृतकों के परिजनों को पहले ही गुजरात सरकार द्वारा घोषित चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित दो-दो लाख रुपये का मुआवजा जल्द ही उनके बैंक खातों में डीबीटी (प्रत्यक्ष बैंक अंतरण) के माध्यम से जमा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद बचाए गए लोगों में से केवल 17 लोगों का मोरबी के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है.

अधिकारियों ने स्थानीय गोताखोरों को भी शामिल किया:
महानिरीक्षक यादव ने सोमवार को कहा, पुलिस के अनुसार अभी तक कोई भी व्यक्ति लापता नहीं है, लेकिन भारतीय सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के साथ-साथ स्थानीय दमकल विभाग और पुलिस कर्मियों की मदद से तलाशी अभियान जारी है. उन्होंने कहा कि नदी में गहरे पानी में डूबे लोगों का पता लगाने के मकसद से अधिकारियों ने स्थानीय गोताखोरों को भी शामिल किया है.

मोरबी पहुंचकर हादसे में घायल हुए लोगों से मिलेंगे:
अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मोरबी पहुंचकर हादसे में घायल हुए लोगों से मिलेंगे. पुलिस ने मच्छु नदी पर तारों का पुल टूटने के मामले में सोमवार को ओरेवा समूह ग्रुप के चार कर्मियों समेत नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया. ब्रिटिश काल के दौरान बने इस पुल के रख-रखाव और संचालन का ठेका ओरेवा समूह को मिला था. सोर्स-भाषा