ब्रिटिश जमाने के 2,000 कानूनों को समाप्त किया, कारोबार सुगमता में भारत की रैंकिंग सुधरी- PM मोदी

जामनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने ब्रिटिश जमाने के पुराने पड़ चुके करीब 2,000 कानूनों को समाप्त किया जिनके तहत छोटे मामलों में भी उद्योगपतियों को जेल जाना पड़ता था.

भारत स्थिरता और दृढ़ता के साथ आगे बढ़ रहा:
उन्होंने यह भी कहा कि कारोबार सुगमता के मामले में भारत की रैंकिंग बेहतर बनाये रखी गयी है और उनके 2014 में सत्ता में आने के बाद से इसमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है. मोदी ने कहा कि कुछ विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं में "उतार-चढ़ाव" के बावजूद, दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत स्थिरता और दृढ़ता के साथ आगे बढ़ रहा है.

मोदी ने गुजरात के जामनगर में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में कारोबार सुगमता को लेकर विश्वबैंक की सालाना रैंकिंग में भारत की स्थिति पिछले पांच साल में 142 से सुधरकर 63 पर आ गयी है. गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका इरादा देश को कोराबार सुगमता की रैंकिंग में शीर्ष 50 में लाना है.

किसी कानून के बारे में पता है, मुझे बताइये:
उन्होंने पुराने कानूनों के संबंध में कहा कि ब्रिटिश (शासन) के समय से यह कानून चले आ रहे थे, जिनका कोई मतलब नहीं रह गया था. मैंने उसकी समीक्षा के लिये अपनी टीम को लगाया. मैं नहीं चाहता था कि छोटे-मोटे मामलों में व्यापारियों को जेल जाना पड़े. हमने पुराने पड़ चुके 2,000 कानून को समाप्त किया. मुझे इस मामले में और भी बहुत कुछ करना है. अगर यहां बैठे व्यापारियों को ऐसे किसी कानून के बारे में पता है, मुझे बताइये.

सोच से छुटकारा पाने के लिए एक अभियान शुरू किया:
परोक्ष रूप से कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों ने कारोबार के माहौल में सुधार के मुद्दे की उपेक्षा की. मोदी ने कहा कि छोटे-छोटे मुद्दों पर किसी को जेल भेजना गुलाम मानसिकता को दर्शाता है और उन्होंने इस तरह की सोच से छुटकारा पाने के लिए एक अभियान शुरू किया है. उन्होंने कहा कि पहले कारोबार सुगमता की बात ही नहीं होती थी. हमने कानून में बदलाव किया. जिससे भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ.मोदी ने कहा कि जब मैं प्रधानमंत्री बना (2014 में), भारत कारोबार सुगमता के मामले में 142वें पायदान पर था. और आज हम 63वें स्थान पर हैं. अगर हम मेहनत करें, भारत 50 के नीचे आ सकता है.

देशों में क्रमशः 45 और 50 वर्षों में नहीं देखी गई:
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने ऐसे समय में खुद को कायम रखा है जब ब्रिटेन और अमेरिका जैसे विकसित देश उच्च मुद्रास्फीति दर से जूझ रहे हैं, जो इन देशों में क्रमशः 45 और 50 वर्षों में नहीं देखी गई है.

इन देशों में विकास दर रुक गई है और ब्याज दरें बढ़ गई हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था जो अब पांचवें स्थान पर आ गया है. उन्होंने गुजरात की नयी औद्योगिक नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह राज्य की यात्रा को विकास के पथ पर आगे ले जाएगी और लाखों नौकरियां पैदा करने में मदद करेगी.

जलीय स्तनधारियों के संरक्षण में मदद करेगी:
मोदी ने कहा, "इसमें (औद्योगिक नीति) स्टार्ट-अप और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के लिए व्यवस्था की गई है,उन्हें बहुत फायदा होगा. इससे कई युवा उद्यमी बनेंगे और लाखों रोजगार पैदा करेंगे. युवाओं को नयी औद्योगिक नीति का अध्ययन करना चाहिए और इसका लाभ उठाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात का समुद्र तट जैव विविधता से भरा हुआ है और केंद्र की 'डॉल्फिन परियोजना' जामनगर तट के किनारे पाए जाने वाले जलीय स्तनधारियों के संरक्षण में मदद करेगी.

सरकार गरीबों के लिए काम कर रही है:
इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने जामनगर के तत्कालीन महाराजा दिग्विजय सिंह और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड के लोगों को उनके द्वारा प्रदान की गई मदद का भी उल्लेख किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार गरीबों के लिए काम कर रही है और उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के दौरान उन्हें परेशान नहीं होने दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र की 'वन नेशन, वन राशन' योजना प्रवासी मजदूरों की मदद करेगी. सोर्स-भाषा