सुराजगढ़ खदान परियोजना शुरू होने के बाद से गढ़चिरौली में नक्सली आंदोलन धीमा पड़ा- CM Shinde

नागपुर: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सुराजगढ़ लौह अयस्क खदान परियोजना शुरू होने के बाद से गढ़चिरौली जिले में नक्सली आंदोलन धीमा पड़ गया है.

राज्य विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान बुधवार को मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि परियोजना के तहत दी जाने वाली नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. जयंत पाटिल, रामदास आंबटकर और अभिजीत वंजारी के एक सवाल के जवाब में शिंदे ने बताया कि परियोजना के शुरू होने के बाद से जिले में नक्सली आंदोलन धीमा पड़ा है.

स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया:
उन्होंने कहा कि 1993 में शुरू हुई परियोजना कुछ समय के लिए नक्सली गतिविधियों के कारण ठप पड़ गई थी, लेकिन जब वह गढ़चिरौली के संरक्षक मंत्री बने तो उन्होंने पुलिस को क्षेत्र में नक्सलियों पर नकेल कसने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना का काम अब फिर शुरू हो गया है और कंपनी प्रबंधन को नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया है.

पांच हजार स्थानीय लोगों को नौकरी दी गई:
शिंदे ने कहा कि इस परियोजना के तहत अभी तक पांच हजार स्थानीय लोगों को नौकरी दी गई है. उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा... सुरक्षा अकादमी भी शुरू की जाएगी. उन्होंने बताया कि परियोजना से सरकार को 342 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. एक संबंधित प्रश्न के जवाब में खनन मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि परियोजना के तहत 56 लाख टन खनिजों का खनन किया गया है. सोर्स-भाषा