मेलबर्न: भारतीय क्रिकेट में विभिन्न प्रारूपों के लिये हमेशा एक ही कोच रहा है लेकिन इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर को लगता है कि उनके देश में तीन विभिन्न टीमों के लिये एक कोच रखना व्यावहारिक रूप से असंभव है.
आस्ट्रेलिया के मैथ्यू मोट इंग्लैंड के सफेद गेंद के मुख्य कोच हैं और इंग्लैंड को उनके साथ कुछ सफलता मिल रही है. इंग्लैंड की टेस्ट टीम के कोच ब्रैंडन मैकुलम हैं. भारत में राहुल द्रविड़ मुख्य कोच हैं और ऐसा माना जाता है कि सफेद और लाल गेंद के क्रिकेट के लिये विभिन्न कोचों को रखने से संवाद में भ्रम पैदा होता है.
पुरूष या महिला के लिये पूरा काम करना असंभव ही है:
विभिन्न कोच रखने की जरूरत के बारे में पूछने पर बटलर अपने पक्ष के बारे में काफी स्पष्ट थे. उन्होंने टी20 विश्व कप फाइनल से पहले कहा कि हां, मैं इसे निश्चित रूप से एक संभावना मानता हूं. मुझे लगता है कि इंग्लिश क्रिकेट का कार्यक्रम इस तरह का है कि एक ही पुरूष या महिला के लिये पूरा काम करना असंभव ही है.
एक कोच रखना वास्तव में असंभव है:
उन्होंने फिर दो कोच रखने की जरूरत के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे लगता है कि हम इतना क्रिकेट खेलते हैं और इतने समय यात्रा करते रहते हैं, मुझे लगता है कि एक कोच रखना वास्तव में असंभव है. बटलर को लगता है कि अन्य टीमों को गंभीरता से अलग अलग कोच रखने के विकल्प पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हां, निश्चित रूप से मुझे लगता है कि अन्य टीमों को इस पर विचार करना चाहिए. इंग्लिश क्रिकेट के लिये यह अभी तक कारगर रहा है और उम्मीद है कि यह निश्चित रूप से जारी रहेगा. सोर्स-भाषा