बांसवाड़ा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पहुंच गए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने उनकी अगवानी की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि मानगढ़ धाम के इतिहास को स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है. उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम पर प्रधानमंत्री पधारे, मैं प्रदेश वासियों की तरफ से उनका स्वागत करता हूं.
उन्होंने कहा कि आदिवासियों का इतिहास महान इतिहास है. जितना खोज की जाए, उतनी ही नई कहानियां मिलेंगी. जहां-जहां आदिवासी रहते हैं, चाहे बिरसा मुंडा की बात करें, हर जगह आजादी की जंग में आदिवासियों का बड़ा योगदान था. महाराणा प्रताप का शौर्य मेवाड़ की पहचान है. हमने पीएम मोदी से अपील की है कि इसे राष्ट्रीय स्मारक बनाया घोषित किया जाए. आदिवासी समाज आजादी की जंग लड़ने के मामले में किसी से पीछे नहीं था. गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री दुनिया के कई देश में जाते है तो बेहद सम्मान मिलता है और सम्मान क्यों मिलता है? क्योंकि नरेंद्र मोदी जी उस देश के प्रधानमंत्री है जो गांधी का देश है, जहां लोकतंत्र की जड़े मज़बूत है.
बासंवाड़ा को रेल प्रोजेक्ट से जोड़ने की भी मांग की:
उन्होंने कहा कि मेवाड़ की तोपभूमि से कई स्वतंत्रा सेनानी हुए. अब समय आ गया है कि मानगढ़ धाम की ऐतिहासिक पहचान बने. आदिवासी भाइयों के बलिदान को सम्मान मिले. आजादी के लिए देश में कई बलिदान हुए, इसकी सूची लंबी है. वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान की चिरंजीवी योजना को एग्जामिन कराएंगे तो पूरे देश में इसे लागू किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने बासंवाड़ा को रेल प्रोजेक्ट से जोड़ने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले आपने मानगढ़ को लेकर अलग-अलग प्रदेशों के बारे में जानकारी ली है. इसके मायने होते हैं, मैं उम्मीद करता हूं मानगढ़ को आप राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देंगे.
भूपेंद्र पटेल ने मोरबी के पुल हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि से भाषण शुरू किया:
वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मोरबी के पुल हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि से भाषण शुरू किया. उन्होंने कहा कि सेनानियों का गौरव-सत्कार करना प्रमुख है. मैं उन सभी आदिवासी भाई-बहनों को याद करना चाहूंगा जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी. वहीं एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाषण की शुरुआत ही मानगढ़ के बलिदानियों के जयकारे से की. उन्होंने कहा कि हमारे देश को आजादी चांदी की तश्तरी पर रखकर पेश नहीं की. कई लोगों ने मानगढ़ और भारत भूमि को खून से रंगा था. तब जाकर देश आजाद हुआ.