इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मंगलवार को चीन की दो दिन की आधिकारिक यात्रा पर रवाना होंगे जिस दौरान वह राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत चीन के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे.
शरीफ चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के निमंत्रण पर वहां जा रहे हैं. रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार शरीफ के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल होगा और वह राष्ट्रपति शी से मुलाकात करेंगे, वहीं प्रधानमंत्री ली के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे.
शरीफ पहले प्रधानमंत्री होंगे जो हाल में हुई कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस में 69 वर्षीय शी को अभूतपूर्व तरीके से पांच साल के तीसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने पर उन्हें मिलकर बधाई देंगे. दोनों पक्ष शरीफ की इस यात्रा में रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करेंगे तथा क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम पर चर्चा करेंगे.
रणनीतिक और जनता के बीच संबंधों को बढ़ाना है:
शरीफ ने इस साल अप्रैल में प्रधानमंत्री पद संभाला था और तब से यह उनकी पहली चीन यात्रा है. उनकी यात्रा पाकिस्तान और चीन के बीच नेतृत्व स्तर पर लगातार आदान-प्रदान की निरंतरता को दर्शाती है. प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार शरीफ चीन के नेतृत्व के साथ ‘‘सकारात्मक और फलदायक बैठकों’’ को लेकर आशान्वित हैं जिनका उद्देश्य व्यापार, रणनीतिक और जनता के बीच संबंधों को बढ़ाना है.
अधिक कारगर परिणाम देखना चाहता है:
रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बीजिंग में ब्रीफिंग के दौरान कहा कि चीन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की आगामी यात्रा का स्वागत करता है. उन्होंने कहा कि चीन इस यात्रा में पाकिस्तान के साथ उच्चस्तरीय रणनीतिक सहयोग को और बढ़ाने को लेकर आशान्वित है और दोनों देशों की जनता के फायदे के लिए चीन-पाक मित्रता के और अधिक कारगर परिणाम देखना चाहता है.
हमेशा समर्थन किया है और साथ खड़े रहे:
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हालात कैसे भी हों, दोनों देशों के बीच दोस्ती पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने एक दूसरे के हितों से जुड़े मुद्दों पर आपस में हमेशा समर्थन किया है और साथ खड़े रहे हैं. डॉन अखबार ने खबर दी कि प्रधानमंत्री शरीफ दो दिन की आधिकारिक यात्रा में अरबों डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर बात कर सकते हैं और चीन-पाकिस्तान मुक्त व्यापार समझौते के दूसरे चरण के अधिकतम उपयोग से पड़ोसी देश के साथ व्यापार और निवेश के सबंधों का विस्तार करने पर ध्यान दे सकते हैं. सोर्स-भाषा