इमरान खान पर हमले की प्राथमिकी 24 घंटे के भीतर दर्ज की जाए: पाकिस्तानी उच्चतम न्यायालय

इमरान खान पर हमले की प्राथमिकी 24 घंटे के भीतर दर्ज की जाए: पाकिस्तानी उच्चतम न्यायालय

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को पंजाब प्रांत के पुलिस महानिरीक्षक को निर्देश दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हुए हमले के मामले में 24 घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज की जाए. रविवार को, खान ने कहा था कि उनकी हत्या के प्रयास के मामले में अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है क्योंकि अधिकारी तब तक मामला दर्ज न करने की बात कह रहे हैं जब तक कि वह शिकायत से सेना के एक जनरल का नाम नहीं हटा देते.

बृहस्पतिवार को दाहिने पैर में गोली लगने से घायल खान को सफल सर्जरी के बाद रविवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. 70 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री अब लाहौर में एक निजी आवास में हैं. डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, उच्चतम न्यायालय ने पंजाब के पुलिस प्रमुख फैसल शाहकर को 24 घंटे के भीतर खान पर हमले की प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया.प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कहा कि अगर प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई तो शीर्ष अदालत स्वत: संज्ञान लेगी.

उन्होंने वीडियो लिंक के जरिए उच्चतम न्यायालय की लाहौर रजिस्ट्री से सुनवाई में शामिल हुए शाहकर से यह भी पूछा कि प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई. प्रधान न्यायाधीश ने पूछा, हमें बताओ कि प्राथमिकी कब दर्ज की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्राथमिकी दर्ज न करने का कोई ठोस कारण होना चाहिए. उन्होंने कहा कि महानिरीक्षक साहिब, आप अपना काम करिए. यदि कोई हस्तक्षेप करेगा तो फिर अदालत हस्तक्षेप करेगी.इस बीच, पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के नेता फवाद चौधरी ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश को न्याय की दिशा में पहला कदम करार दिया.

पंजाब सरकार से इस्तीफा देने का फैसला कर चुके और प्रांत के मुख्यमंत्री परवेज इलाही के नेतृत्व वाली मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था के साथ काम करने से इनकार करने वाले शाहकर ने अदालत से कहा कि हमने प्राथमिकी दर्ज करने के संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री से बात की है और उन्होंने कुछ आपत्तियां व्यक्त की हैं. उन्होंने आगे कहा कि घटना में मारे गए व्यक्ति के परिजनों की शिकायत पर भी प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए.पीटीआई के प्रमुख खान ने आरोप लगाया है कि उन पर हुए हमले के पीछे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल नसीर का हाथ है. उन्होंने यह भी कहा कि प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है क्योंकि कुछ लोग (कुछ नामों से) डरते हैं. (भाषा)