Paush Month 2022: एक तिथि कम होने से 29 दिनों का होगा पौष मास, ऐसे चढ़ाएं सूर्य को अर्घ्य; जानें क्या है इसका महत्व

जयपुर: हिन्दी पंचांग का दसवां महीना पौष शुक्रवार 9 दिसंबर से 6 जनवरी तक रहेगा. इस महीने में सूर्य पूजा करने का विशेष महत्व है. पौष मास में गंगा, यमुना, अलकनंदा, शिप्रा, नर्मदा, सरस्वति जैसी नदियों में, प्रयागराज के संगम में स्नान करने की परंपरा है. इस महीने में तीर्थ दर्शन करने की भी परंपरा है. ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस साल पौष मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि क्षय होने से ये महीना 29 दिनों का रहेगा. जिसमें व्रत और पर्व के 9 दिन खास रहेंगे. साथ ही इस महीने के दौरान खरमास भी शुरू होगा.इस हिंदी महीने में व्रत-उपवास, दान और पूजा-पाठ के साथ ही पवित्र नदियों में नहाने का भी महत्व बताया है. इस पवित्र महीने में किए गए धार्मिक कामों से कई गुना पुण्य फल मिलता है. व्रत और दान का विशेष फल मिलता है.

ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि पुण्य देने वाले इस पवित्र महीने में भगवान विष्णु की पूजा नारायण रूप में करनी चाहिए. वहीं, उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का भी विधान है. पौष महीने में सूर्य नारायण नाम से पूजा करने से हर तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं. पौष मास में रोज सुबह जल्दी उठना चाहिए, स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए. इस में महीने में पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना करें. स्नान करते समय सभी तीर्थों का और पवित्र नदियों का ध्यान करेंगे तो घर पर ही तीर्थ स्नान करने का पुण्य मिल सकता है.

ऐसे चढ़ाएं सूर्य को अर्घ्य:
कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि रोज सुबह स्नान के बाद घर के आंगन में ऐसी जगह चुनें, जहां से सूर्य देव के दर्शन होते हैं. इसके बाद तांबे के लोटे में जल भरें, जल में कुमकुम, चावल और फूल भी डालें. इसके बाद सूर्य को जल चढ़ाएं.

सूर्य मंत्र:
ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ खगाय नम:, ऊँ भास्कराय नम: आदि का जप करें. सूर्य को जल चढ़ाने के बाद जरूरतमंद लोगों खाना दान करें. आप चाहें तो अनाज और धन का दान भी कर सकते हैं. किसी गौशाला में भी दान-पुण्य करें.

सूर्य को जल चढ़ाने से मिलता हैं स्वास्थ्य लाभ:
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि अभी शीत ऋतु का समय है. इन दिनों में रोज सुबह जल्दी उठने और सुबह-सुबह की धूप में रहने से स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं. ठंड के दिनों में सुबह-सुबह की धूप त्वचा की चमक बढ़ाती है. धूप से विटामिन डी मिलता है, जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. ठंड से होने वाली बीमारियों से बचाव होता है.

ग्रहों के राजा हैं सूर्य:
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि किसी भी काम की शुरुआत पंचदेवों की पूजा के साथ ही होती है. सूर्य पूजा से कुंडली के नौ ग्रहों से संबंधित दोष दूर होते हैं. कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक न हो तो घर-परिवार और समाज में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहे, मान-सम्मान मिले, सफलता मिले, इसके लिए सूर्य की पूजा करनी चाहिए.

भविष्य पुराण में जिक्र:
कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि भविष्य पुराण के ब्राह्म पर्व में श्रीकृष्ण ने अपने पुत्र सांब को सूर्यदेव पूजा का महत्व बताया है. भगवान श्रीकृष्ण ने सांब को बताया था कि सूर्यदेव एक मात्र प्रत्यक्ष देवता हैं यानी सूर्य हमें साक्षात दिखाई देते हैं. जो लोग श्रद्धा के साथ सूर्य पूजा करते हैं, उनकी सभी इच्छाएं सूर्य देव पूरी करते हैं.

चतुर्थी व्रत:
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि पौष महीने में गणेश जी की पूजा के लिए कृष्ण पक्ष में आने वाली अखुरथ चतुर्थी 11 तारीख, रविवार को रहेगी. इसके बाद शुक्ल पक्ष में आने वाली विनायक चतुर्थी 26 दिसंबर को रहेगी.

धनु संक्रांति:  
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि शुक्रवार 16 दिसंबर को सूर्य राशि बदलकर धनु में प्रवेश कर जाएगा. इस दिन धनु संक्रांति रहेगी. पौष महीने में आने वाली इस संक्रांति पर होने वाली सूर्य पूजा और स्नान-दान से कई गुना पुण्य मिलता है.

खरमास: 
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि शुक्रवार 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में आ जाएगा. जिससे धनुर्मास यानी खरमास शुरू हो जाएगा. जो कि 14 जनवरी तक रहेगा. इस एक महीने में शादी, सगाई, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक काम नहीं किए जा सकेंगे.

एकादशी व्रत: 
पौष महीने में भगवान विष्णु की पूजा नारायण रूप में करने का विधान है. इस महीने में आने वाली दोनों एकादशी सोमवार को रहेंगी. पहली वाली का नाम सफला और दूसरी पुत्रदा एकादशी रहेगी.

प्रदोष व्रत: 
कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि पौष में शिव पूजा का भी विशेष महत्व है. इस महीने शिव पर्व यानी प्रदोष व्रत पर बुधवार का शुभ संयोग बन रहा है. बुध प्रदोष के संयोग में शिव पूजा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं. इनमें पहला 21 दिसंबर और दूसरा 4 जनवरी को रहेगा.

अमावस्या और पूर्णिमा:
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि पौष मास में तीर्थ स्नान और दान के पर्व शुक्रवार को रहेंगे. इनमें पितरों की पूजा और तीर्थ स्नान के लिए पौष मास की अमावस्या 23 दिसंबर को और पूर्णिमा 6 जनवरी को रहेगी.

पौष माह व्रत और त्योहार:
11 दिसंबर, रविवार- अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
16 दिसंबर, शुक्रवार- धनु संक्रांति, खरमास प्रारंभ
19 दिसंबर, सोमवार- सफला एकादशी
21 दिसंबर, बुधवार- प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
23 दिसंबर, शुक्रवार- पौष अमावस्या
24 दिसंबर, शनिवार, पौष माह, शुक्ल पक्ष प्रारंभ
26 दिसंबर, सोमवार- विनायक चतुर्थी
02 जनवरी, सोमवार- पौष पुत्रदा एकादशी व्रत, वैकुण्ठ एकादशी
04 जनवरी, बुधवार- बुध प्रदोष व्रत
06 जनवरी, शुक्रवार- पौष पूर्णिमा, पौष पूर्णिमा व्रत.