जयपुर सीएम गहलोत से मिलने मंगलवार को जयपुर आएंगे पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी, मंत्री-विधायक भी मौजूद रहेंगे सीएम आवास पर

सीएम गहलोत से मिलने मंगलवार को जयपुर आएंगे पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी, मंत्री-विधायक भी मौजूद रहेंगे सीएम आवास पर

सीएम गहलोत से मिलने मंगलवार को जयपुर आएंगे पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी, मंत्री-विधायक भी मौजूद रहेंगे सीएम आवास पर

जयपुर: पंजाब कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान के बीच पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कल जयपुर आ रहे हैं. वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात करेंगे. चन्नी के सम्मान में कल सीएम गहलोत ने अपने बंगले पर लंच का आयोजन भी रखा है. चन्नी की इस मुलाकात को सियासी संदेश देने से जोड़कर देखा जा रहा है,  लेकिन चन्नी का जयपुर आकर गहलोत से मिलने का कार्यक्रम बता रहा है कि देश की कांग्रेस में अशोक गहलोत का कद कितना बड़ा है. 

पंजाब में सियासी घमासान अभी थमा नहीं है, सिद्धु का मसला अभी सुलझा नहीं है, लेकिन नए नवेले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पूरे एक्शन में है. शपथ लेने के बाद पहले राहुल गांधी से मुलाकात की और फिर पीएम मोदी से मिलकर पंजाब के मुद्दों का उठाया, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा अब है, क्योंकि चन्नी जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने आ रहे हैं. चरणजीत सिंह चन्नी का कल सुबह 11 बजे जयपुर पहुंचने का कार्यक्रम है और दोपहर बाद 2:15 बजे वापस लौटेंगे. लेकिन उनकी तीन घंटे की जयपुर यात्रा से बड़े राजनीतिक संदेश जाने तय है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चन्नी के सम्मान में लंच भी रखा है. 

इस लंच में प्रदेश के सभी मंत्री व कांग्रेसी विधायक भी रहेंगे. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर चन्नी की जयपुर यात्रा का मकसद क्या है. मकसद कुछ भी हो, लेकिन यह तो तय है कि चन्नी का जयपुर आकर गहलोत से मिलने का कार्यक्रम बता रहा है कि देश की कांग्रेस में अशोक गहलोत का कद कितना बड़ा है. क्योंकि चन्नी की सीएम बनने के बाद किसी प्रदेश की यह पहली यात्रा है. वैसे सीएम अशोक गहलोत पंजाब के प्रभारी भी रह चुके हैं लिहाजा पंजाब की सियासत को साधने के लिए चन्नी को जरूरी सियासी टिप्स भी मिलेंगे. साथ ही पंजाब के साथ जल विवाद मसले के समाधान की दिशा में भी कोई कदम निकलने की पूरी उम्मीद है. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी जो पंजाब कांग्रेस के ऑब्जर्वर भी है, वे भी चन्नी के साथ आएंगे.

जयपुर आकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मिलने के इस कार्यक्रम के पीछे कई सियासी संकेत छिपे हुए हैं. अशोक गहलोत ने कांग्रेस पार्टी के अलग-अलग राज्यों में आये सियासी संकटों का सफलतापूर्वक समाधान किया है. गहलोत पिछले पंजाब विधानसभा चुनाव में टिकट तय करने वाली स्क्रीनिंग कमेटी के प्रभारी रह चुके हैं. ऐसे में चन्नी पंजाब में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले गहलोत से चर्चा करना चाहते हैं. दरअसल कैप्टन अमरिंदर सिंह और अशोक गहलोत के बीच अच्छी दोस्ती रही है, लेकिन पंजाब के ताजा घटनाक्रम ने इस दोस्ती को भी प्रभावित किया है. पंजाब सीएम से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन को अशोक गहलोत ने ट्वीट करके कांग्रेस के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाने की सलाह दी थी. बदले में कैप्टन ने एक इंटरव्यू में दो टूक कहा था कि गहलोत अपना राजस्थान संभालें, पंजाब में हस्तक्षेप नहीं करें. राजस्थान में पहले से बहुत सारी दिक्कतें हैं. अब कैप्टन की जगह सीएम बने चन्नी का गहलोत से मिलने आना नए सियासी समीकरणों की तरफ इशारा कर रहा है.

पंजाब सीएम के साथ चर्चा में राजनीतिक मुद्दे तो छाए ही रहेंगे, लेकिन साथ ही राजस्थान और पंजाब के बीच नहरी पानी के बंटवारे के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है. घड़साना में किसान छह बार पानी देने की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे हैं. पंजाब से राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी लेने पर चर्चा के आसार हैं. चन्नी के जयपुर दौरे को कांग्रेस की सियासत के हिसाब से काफी अहम माना जा रहा है. पंजाब में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं. ऐसे में अशोक गहलोत के साथ चन्नी मौजूदा राजनीतिक मसलों पर चर्चा करेंगे. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चन्नी से लंच डिप्लोमेसी के जरिए गहलोत सियासी मैसेज देने की रणनीति बना रहे हैं. दो दिन पहले खुद मुख्यमंत्री गहलोत अपने विरोधियांे को कड़ा संदेश दे चुके है और साफ कर दिया है  कि अगली बार सरकार रिपीट होगी और वे खुद ही फिर से सीएम बनेंगे. ऐसे में पंजाब के सीएम का यहां आना यह भी संकेत है कि आलाकमान से चर्चा के बाद ही चन्नी जयपुर आ रहे है. यानि आलाकमान भी चाहता है कि पंजाब के रण में उतरने से पहले राजनीति के गुर गहलोत से सीख लिए जाए.  कल चरणजीत सिंह चन्नी को दिए जाने वाले भोज और सियासी मुलाकात के कांग्रेस की राजनीति में गहरे मायने हैं. 

और पढ़ें