जयपुर: चीन समेत कई देशों में कोरोना (corona) की सक्रियता ने राजस्थान के चिकित्सा विभाग की भी चिंता बढ़ा दी है. चिकित्सा विभाग ने कोरोना प्रबन्धन के इंतजामों की एकबार फिर से समीक्षा शुरू कर दी है, साथ ही लोगों में इम्यूनिटी जांचने के लिए क्विक "सीरो सर्वे" भी शुरू किया जा रहा है. बतौर नोडल एजेंसी एसएमएस मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबाइलॉजी विभाग को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. आखिर क्या है राजस्थान में कोविड प्रबन्धन की मौजूदा स्थिति और चिकित्सा विभाग की तैयारियां.
चायना में कोरोना के नए स्ट्रेन को देखते हुए केन्द्र के साथ साथ राजस्थान का चिकित्सा विभाग भी एक्टिव मोड में आ गया है. कोरोना की फिर से एडवाइजरी जारी करने के साथ ही चिकित्सा सचिव डॉ पृथ्वी ने प्रदेशभर में कोरोना प्रबन्धन की समीक्षा की. निदेशालय में आयोजित बैठक में डॉ पृथ्वी ने कहा कि 'राजस्थान में अभी चिंता की बात नहीं है, काफी कम केस है. 'राजस्थान में रोजाना पांच हज़ार सैंपल लिए जा रहे'. 'लेकिन ऐतियातन सभी को सैंपल बढ़ाने के निर्देश दिए है'. इसके साथ ही ऐतियातन देशभर में पहली बार राजस्थान में क्विक सीरो सर्वें के निर्देश दिए गए है, ताकि ये पता लगाया सके कि लोगों में 'इम्यूनिटी स्टेट्स कैसा है.
चिकित्सा सचिव डॉ पृथ्वी ने चिकित्सकों की ओपिनियन के आधार पर कहा कि कोविड एक तरह का इन्फुएंजा है और पहले फेज के बाद वैक्सीनेशन और इंफेक्शन की वजह से जो लोगों में नेच्युरल इम्युनिटी बनी थी. उसके बाद जो लोग दूसरे फेज में पॉजिटिव आए उनकी सीवियरिटी ज्यादा नहीं थी. ओमिक्रॉन के समय हमारे आरयूएचएस में 100 बेड भी नहीं भरे थे. आज भी हमने 100 बैड्स वहां कोविड मरीजों के लिए रिजर्व कर रखे है और पिछले 15 दिन में एक भी एडमिशन नहीं आया है. ऐसे एक्सपीरियंस को देखकर एक्सपर्ट्स भी मान रहे है कि पहले फेज जैसी स्थिति शायद अब नहीं आएगी. हालांकि साथ में उन्होंने यह भी कहा कि 'राजस्थान हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है'.
कोरोना को लेकर केन्द्र से अलग राजस्थान का मत !
- कोरोना को लेकर स्वास्थ्य भवन में आयोजित बैठक
- बैठक में कोरोना को लेकर चिकित्सा सचिव का बड़ा बयान
- सचिव डॉ. पृथ्वी ने कहा- 'केंद्र से अभी तक नहीं आया कोई नया प्रोटोकॉल
- 'वैसे हमें लगता है कि कोई प्रोटोकॉल की जरुरत भी नहीं है '
- उन्होंने ये भी कहा कि "बेवजह लोगों को डराने की जरूरत नहीं है"
- 'एक्सपर्ट ऑपिनियन के आधार पर मुझे नहीं लगता कि अभी ऐसी कोई लहर आएगी'
- हालांकि साथ में उन्होंने यह भी कहा कि 'राजस्थान हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार'
चिकित्सा सचिव डॉ पृथ्वी ने ये भी कहा कि भले ही इस बार कोरोना के नंबर ऑफ केस बढ़े, लेकिन सीवियरिटी नहीं आएगी. वैसे तो कोई वेव या पेंडेमिक नहीं आएगी. अगर आती भी है तो उसे 2 से 3 माह का समय लगेगा. ऐसे में अभी आमजनता को पैनिक होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में वर्तमान में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 0.2 फीसदी है, जो बहुत ही कम है. एक्सपर्ट्स मानते है कि जब 5 फीसदी तक पॉजिटिविटी रेट पहुंचती है तो चिंता का विषय होती है. ये भी उस पर डिपेंड करता है कि सेंपल की संख्या क्या है? आज हमारे यहां देश में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन हुआ है, जिससे लोगों में अच्छी इम्युनिटी डवलप है.
बैठक में एसएमएस मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी की एचओडी डॉ. भारती मल्होत्रा ने बताया कि हम जल्द ही शॉर्ट सीरो करने जा रहे है. ये जयपुर बेस होगा, जिसमें हेल्थ केयर वर्कर्स के अलावा जनरल पब्लिक के ब्लड सैंपल लेकर उनकी इम्युनिटी स्टेटस को चैक किया जाएगा. इस सर्वे की रिपोर्ट जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह तक जारी कर दी जाएगी. इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर हम आगे की प्लानिंग करेंगे कि कोरोना की बूस्टर डोज का प्रोग्राम कैसे सेट करना है और आने वाली वेव से बचने के लिए क्या तैयारियां करनी है.
राजस्थान समेत देशभर में कोरोना स्प्रेड के कटुअनुभव सबने देखे:
राजस्थान समेत देशभर में कोरोना स्प्रेड के कटुअनुभव सबने देखे है, ऐसे में भले ही अभी राजस्थान में केस नहीं है, लेकिन ऐतियातन तैयारियां काफी जरूरी हो गई है. हालांकि चिकित्सा विभाग ने घर घर सर्वे समेत अन्य गतिविधियां शुरू की है. लेकिन सबसे जरूरी ये भी है कि कोरोना के सैम्पलों का दायरा बढ़ाया जाए. जब जांचों का दायरा बढ़ेगा तो काफी हद तक न सिर्फ कोरोना के केस जल्द चिन्हित होंगे, बल्कि बीमारी को स्प्रेड होने से पहले ही रोका जा सकेगा.