Rajasthan News: मुआवजा नीति में बड़े बदलाव की तैयारी, जानें प्रस्तावित बड़े बदलाव और प्रावधान

जयपुर: प्रदेश भर के निकायों में बरसों से लंबित भूमि अधिग्रहण के मुआवजे के प्रकरणों के निस्तारण के लिए राज्य सरकार ने कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए पांच महीने पुरानी मुआवजा नीति में सरकार बड़े बदलाव की तैयारी में हैं. 

अवाप्ति के मामलों में जमीन के बदले जमीन देने में प्रदेश के शहरी निकायों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने 1 जून 2022 को एक विस्तृत आदेश जारी किया था. इस आदेश में जमीन के बदले बतौर मुआवजा जमीन देने के मामलों के निस्तारण में पारदर्शिता लाने व पिक एंड चूज के खेल को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से नीति तय की गई. 

 

इस नीति में किन प्रकरणों में जमीनी मुआवजा दिया जा सकता है और किनमें नहीं, इसको लेकर प्रावधान लागू किए गए थे. लेकिन इन सबके बावजूद बड़ी तादाद में प्रकरण ऐसे भी हैं जो इन प्रावधानों के कारण निस्तारित नहीं हो पा रहे हैं. आपको सबसे पहले बताते हैं कि बतौर मुआवजा विकसित भूमि आवंटन के लिए मौजूदा नीति के प्रमुख प्रावधान क्या हैं.

मुआवजा नीति के प्रमुख प्रावधान:- 
- अवाप्तशुदा ऐसी भूमि जिस पर योजना का क्रियान्वयन खातेदार के कब्जे या अदालती स्टे से रुका हुआ है
- अवाप्ति का मुआवजा संबंधित निकाय ने अदालत में जमा नहीं कराया है और निकाय ने संबंधित खातेदार को नकद मुआवजा भी नहीं दिया है
- इन्हीं मामलों में निकाय अवाप्त भूमि के बदले विकसित भूमि खातेदार को आवंटित कर सकते हैं
- जिन प्रकरणों में भूमि पर योजना क्रियान्वित हो चुकी है और अवार्ड नकद मुआवजे का है
- ऐसे प्रकरण जिनमें भी योजना क्रियान्वित हो चुकी है और अवार्ड राशि न्यायालय में जमा है 
- अथवा खातेदार को निकाय ने अवार्ड राशि का भुगतान कर दिया है
- ऐसे मामलों में बतौर मुआवजा विकसित भूखंड आवंटित नहीं किया जा सकता
जानकारों के अनुसार निकायों में लंबित प्रकरण आम और खास दोनों से ही जुड़े हुए हैं. लेकिन सरकार की मंशा सभी प्रकरणों के निस्तारण की है. यही कारण है कि पिछले दिनों यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई थी. इस बैठक में वर्तमान में लागू इस मुआवजा नीति के विभिन्न प्रावधानों में बदलाव को लेकर मंथन किया गया. इस मंथन के बाद मौजूदा नीति को लेकर बड़े बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं. आपको बताते हैं कि मुआवजा नीति में प्रस्तावित बड़े बदलाव क्या हैं

मुआवजा नीति में प्रस्तावित बड़े बदलाव:- 
- जिन प्रकरणों में आरक्षण पत्र जारी किया जा चुका
- अथवा संबंधित खातेदार ने विकल्प पत्र निर्धारित अवधि में निकाय में पेश कर दिया था
- तो ऐसे प्रकरणों में बतौर मुआवजा विकसित भूखंड का आवंटन किया जा सकता है
- इस प्रस्तावित बदलाव का मतलब साफ है कि भले ही मौके पर योजना क्रियान्वित की जा चुकी है
- लेकिन ऐसे मामलों में जमीनी मुआवजा दिया जा सकेगा
- दूसरे प्रस्तावित बदलाव के अनुसार अगर अवार्ड राशि अदालत में जमा है
- अथवा खातेदार को अवार्ड राशि का भुगतान किया जा चुका है तो
- ऐसे मामलों में बतौर मुआवजा विकसित भूखंड का आवंटन संबंधित खातेदार को नहीं किया जाएगा
- इस प्रस्तावित बदलाव का मतलब साफ है कि जमीनी मुआवजा नहीं देने की योजना क्रियान्वित होने की शर्त हटा ली गई है
- योजना की भले ही क्रियान्वित हो गई, लेकिन प्रकरण में नीति के प्रावधान लागू होते हैं तो उस प्रकरण में बतौर मुआवजा विकसित भूखंड का आवंटन किया जा सकेगा
- इसी तरह मौजूदा नीति में एक और नया प्रावधान भी जोड़े जाने की तैयारी है
- इस प्रस्तावित प्रावधान के अनुसार किसी प्रकरण विशेष में अगर निकाय स्तर पर कोई समस्या है
- तो राज्य सरकार के स्तर पर गुणावगुण के आधार पर समुचित फैसला किया जा सकेगा