जयपुर: सचिन पायलट के बयान पर अशोक गहलोत ने नसीयत दी. उन्होंने कहा कि नेताओं को बयानबाजी से बचना चाहिए. कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने गाइडलाइन जारी की थी और बयानबाजी से बचने की सलाह दी थी. राहुल गांधी पसीना बहा रहे हैं ताकि केंद्र पर दबाव बढ़े. हमारा ध्येय है कि प्रदेश में सरकार रिपीट हो.
अलवर में एक कार्यक्रम का हिस्सा बनने गए गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार से इस वक्त विभिन्न मुद्दों पर लड़ने का समय है. सभी लोगों को एकजुट होकर काम करना है. अपने बयान में आगे सीएम ने यहां तक कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान की जनता को निराश किया है उन्होंने आदिवासियों के लिए मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की घोषणा नहीं की.
आपको बता दें कि पायलट ने मानगढ़ धाम के घटनाक्रम पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस तरह बढ़ाइयां कल के मानगढ़ के मंच से पीएम ने की वह बहुत ही रौचक है. पीएम मोदी ने ऐसे ही संसद में गुलाम नबी आजाद की तारीफ की थी. उसके बाद क्या हुआ सको पता है. सचिन पायलट ने लंबे समय बाद बिना नाम लिए अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर निशाना साधा है. साथ ही 25 सितंबर को हुई CLP मीटिंग पर सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने चुप्पी तोड़ते हुए पहली बार प्रतिक्रिया दी. आज जयपुर में अपने निवास पर संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को CLP बैठक में जो घटनाक्रम हुआ उस अनुशासनहीनता को लेकर निर्णय लेना चाहिए. जो नोटिश दिए गए थे उस पर कार्रवाई होनी चाहिए.
खुले मंच से इस तरह की तारीफ के कई सियासी मायने निकाले गए थे:
दरअसल मानगढ़ धाम में हुई सभा में पीएम मोदी ने अशोक गहलोत की तारीफ करते हुए कहा था कि अशोक जी के साथ हम काम कर चुके है. वो हमारे सबसे सीनियर मुख्यमंत्री थे. और आज मंच पर जो मुख्यमंत्री मौजूद है. उनमें भी वो सबसे सीनियर है. प्रधानमंत्री की खुले मंच से इस तरह की तारीफ के कई सियासी मायने निकाले गए थे. अब सचिन पायलट ने इन तारीफों को गुलाम नबी आजाद की तारीफों से जोड़ा है.