जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने आलोचना और असहमति को लोकतंत्र का गहना करार देते हुए गुरुवार को कहा कि सत्ता में रहने वालों को इसे महत्व देना चाहिए.
गहलोत ने यहां सवाई मान सिंह (SMS) स्टेडियम में राज्य स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इन खेलों से लोगों को अपने मनमुटाव भुलाने का मौका मिला और वे एक दूसरे के करीब आए. उन्होंने कहा कि इन खेलों से लोग आपस में करीब आए. मैं समझता हूं कि इसने खिलाड़ियों को आपस में प्रेम, भाईचारे, सद्भावना से साथ रहने का एक मौका दिया, जिसकी आज मुल्क में सबसे बड़ी जरूरत है.
गहलोत ने कहा कि हमने बार-बार कहा है कि आज पूरे मुल्क में तनाव, हिंसा का माहौल है, असहमति बर्दाश्त नहीं हो रही. ...जबकि ऐसा होना चाहिए, जो सत्ता पक्ष होता है उसे आलोचना को महत्व देना चाहिए. आज हम सत्ता में हैं... हमारे विपक्षी लोग हैं वे आलोचना करते हैं, असहमति व्यक्त करते हैं तो मैं बुरा नहीं मानता क्योंकि लोकतंत्र में यह तो आभूषण की तरह है.
प्रतिपक्ष नहीं होगा तो फिर लोकतंत्र कैसे होगा:
लोकतंत्र में आलोचना और असहमति को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है तभी लोकतंत्र मजबूत बनेगा. प्रतिपक्ष नहीं होगा तो फिर लोकतंत्र कैसे होगा. लोकतंत्र के मायने यही हैं कि पक्ष है तो विपक्ष भी है. वह अपनी बात कहेगा. उन्होंने कहा कि इसलिए खेल ऐसी जगह है जहां आप राग द्वेष सब कुछ छोड़ सकते हैं. प्रेम, भाईचारे और मोहब्बत से रहना सिखा सकता है.