नई दिल्ली: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग क्षेत्र में सबसे अधिक 243 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं. इसके बाद 114 परियोजनाओं के साथ रेलवे और 89 परियोजनाओं के साथ पेट्रोलियम क्षेत्र का स्थान है. एक सरकारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग से संबंधित 826 में से 243 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं. रेलवे की 173 परियोजनाओं में 114 देरी से आगे बढ़ रही हैं. पेट्रोलियम क्षेत्र की 142 में 89 परियोजाएं समय से पीछे हैं. अवसंरचना और परियोजना निगरानी प्रभाग (आईपीएमडी) केंद्रीय क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत की परियोजनाओं की निगरानी करता है. यह सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के तहत आता है.
अपने निर्धारित समय से 276 महीने पीछे:
रिपोर्ट के अनुसार, मुनीराबाद-महबूबनगर रेल परियोजना सबसे लंबित परियोजना है. यह अपने निर्धारित समय से 276 महीने पीछे है. इसके अलावा 247 महीने के साथ उधमपुर-श्रीनगर बारामूला रेल परियोजना दूसरी सबसे देरी से चल रही परियोजना है. अक्टूबर महीने की रिपोर्ट में केंद्र सरकार की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत की 1,521 परियोजनाओं की स्थिति का ब्यौरा है.
1,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं:
समीक्षाधीन महीने में 1,521 परियोजनाओं में नौ परियोजनाएं जोड़ी गई हैं.वहीं 10 परियोजनाएं (नौ सड़क और एक शहरी विकास से संबंधित) पूरी हो गई हैं. कुल 642 परियोजनाएं अपनी मूल समयसीमा से पीछे हैं. वहीं 79 परियोजनाएं ऐसी हैं जिनमें विलंब का समय पिछले महीने की तुलना में और बढ़ गया है. इन 79 में 32 बड़ी यानी 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं हैं. सोर्स-भाषा