पतनमतिट्टा: पर्वतीय तीर्थस्थल सबरीमला मंदिर में दोपहर को मंडल पूजा के दौरान भगवान अयप्पा का आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े. इस पूजा के साथ ही वार्षिक तीर्थयात्रा का 41 दिवसीय पहला चरण समाप्त हो गया.
पोशाक सोमवार शाम को मंदिर परिसर में लायी गयी थी:
मुख्य देवता की मूर्ति को पवित्र स्वर्ण पोशाक ‘थंका अंकी’ पहनाने के बाद ‘तंत्री’ (मुख्य पुजारी) के निर्देशन में पूजा की गयी. यह पवित्र पोशाक सोमवार शाम को मंदिर परिसर में लायी गयी थी. इस मौके पर भगवान अयप्पा के दर्शन पाने के लिए श्रद्धालु लंबी कतारों में खड़े रहे. मंदिर के जिस पवित्र स्थान पर यह पूजा हुई वहां त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के प्रमुख अधिकारी भी मौजूद थे. मंडल पूजा के तुरंत बाद मंदिर बंद कर दिया गया और रात में इसे बंद करने से पहले पूजा करने के वास्ते शाम को श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा.
मकरविलाक्कु अनुष्ठान 14 जनवरी 2023 को होगा:
सबरीमला मंदिर तीन दिन के लिए बंद हो जाएगा और तीर्थयात्रा के दूसरे चरण मकरविलाक्कु समारोह के लिए 30 दिसंबर को शाम पांच बजे फिर से खुलेगा. मकरविलाक्कु अनुष्ठान 14 जनवरी 2023 को होगा. इसके बाद वार्षिक तीर्थयात्रा के समापन के साथ ही मंदिर 20 जनवरी को बंद हो जाएगा. इससे पहले, देवस्वोम मंत्री के राधाकृष्णन ने कहा कि भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के बावजूद मंडल पूजा सुचारू रूप से हुई और कोई बड़ी शिकायत नहीं आयी.
उन्होंने यहां एक समीक्षा बैठक में भाग लेने के बाद पत्रकारों से कहा कि 41 दिवसीय तीर्थयात्रा के दौरान 30 लाख से अधिक श्रद्धालु सबरीमला पहुंचे लेकिन विभिन्न सरकारी विभागों के समन्वित प्रयासों से यात्रा सुचारू रही. मंदिर का प्रबंधन करने वाले टीडीबी ने कहा कि दो महीने चलने वाली तीर्थयात्रा के पिछले 39 दिन में 222.98 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित किया गया.सोर्स-भाषा