जयपुर: शुक्र 18 अक्टूबर को अपनी स्वराशि तुला में प्रवेश करने जा रहा है. खास बात ये है कि इस ग्रह की यहां सूर्य से युति होगी. शुक्र के ठीक एक दिन पहले यानी 17 अक्टूबर को सूर्य देव भी इस राशि में प्रवेश कर जायेंगे. वैदिक ज्योतिष में शुक्र को बेहद ही शुभ ग्रह माना जाता है. ये प्रेम संबंधों, सुख-सुविधाओं और सभी प्रकार के भौतिक सुखों को प्रदान करने वाला ग्रह माना गया है.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस ग्रह का गोचर करीब 23 दिनों में होता है. जॉब और बिजनेस से संबंधित परेशानियां दूर होंगी. जॉब बदलने का विचार मन में है तो यह समय आपके लिए उत्तम रहेगा. व्यवहार में सौम्यता लाएगा. प्रशासनिक और राजनैतिक मामलों में बड़े बदलाव हो सकते हैं. इन क्षैत्रों से जुड़े लोगों के लिए समय अच्छा कहा जाता है. कई लोगों की सेहत में भी उतार-चढ़ाव आ सकते हैं. विपरित लिंग के लोगों के कारण कामकाज में बदलाव होने की भी संभावना है. सुख-सुविधाएं, यात्राएं और शारीरिक सुख संबंधी मामलों में महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना है.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र के शुभ प्रभाव से सुख-समृद्धि और सौभाग्य में होगी वृद्धि होती है. शुक्र को सभी ग्रहों में सबसे चमकदार ग्रह माना जाता है. चूंकि शुक्र एक शुभ ग्रह है इसलिए कुंडली में इसकी अच्छी स्थिति से जातकों को जीवन में कई सुख सुविधाएँ मिलती हैं लेकिन मुख्य रुप से प्रेम, भौतिक सुखों में इसकी मजबूती से वृद्धि होती है. इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में भी शुक्र की स्थिति का असर पड़ता है, यदि कुंडली में शुक्र अच्छी स्थिति में है तो दांपत्य जीवन सुखद रहता है. वहीं शुक्र की दुर्बल स्थिति व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को खराब कर सकती है. शनि व बुध शुक्र के मित्र ग्रहों में आते है. शुक्र ग्रह के शत्रुओं में सूर्य व चन्द्रमा है. शुक्र के साथ गुरु व मंगल सम सम्बन्ध रखते हैं. वृषभ एवं तुला राशि के स्वामी शुक्र कन्या राशि में नीच राशिगत संज्ञक तथा मीन राशि में उच्चराशिगत संज्ञक कहे गए हैं.
ज्योतिष में शुक्र:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र या वीनस को ज्योतिष में स्त्री ग्रह भी माना जाता है. ये वृष और तुला राशि का स्वामी है. शुक्र लाभ के साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का भी कारक होता है. व्यक्ति की कलात्मकता का भी विकास होता है. किसी की कुंडली में ये ग्रह कमजोर या मजबूत हो, दोनों ही स्थिति में काफी मायने रखता है. ज्योतिष में शुक्र अच्छे कपड़े, विवाह, आमदनी, नारी, ब्राह्मण, पत्नी, यौन जीवन का सुख, फूल, वाहन, चांदी, आनंद, कला, वाद्ययंत्र और राजसी प्रवृत्ति का कारक ग्रह है. शुक्र के राशि परिवर्तन होने से इन मामलों संबंधी बदलाव देखने को मिलते हैं.
प्रभाव:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र के पास अमृत संजीवनी है और शुक्र पृथ्वी के साथ है. वस्तुओं की लागत बढ़ सकती है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी शुभ असर देखने को मिलेगा. ललित कलाओं की तरफ आप का रूझान हो सकता है. यदि आप मनोरंजन के क्षेत्र से जुड़े हैं तो आपको शुभ फल प्राप्त होगा. वहीं मीडिया आदि के क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों को भी यह शुक्र लाभ कराने वाला होगा. जॉब और बिजनेस से संबंधित परेशानियां दूर होंगी. जॉब बदलने का विचार मन में है तो यह समय आपके लिए उत्तम रहेगा. व्यवहार में सौम्यता लाएगा. प्रशासनिक और राजनैतिक मामलों में बड़े बदलाव हो सकते हैं. इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए समय अच्छा कहा जाता है. कई लोगों की सेहत में भी उतार-चढ़ाव आ सकते हैं. विपरित लिंग के लोगों के कारण कामकाज में बदलाव होने की भी संभावना है. सुख-सुविधाएं, यात्राएं और शारीरिक सुख संबंधी मामलों में महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना है.
शुक्र के उपाय:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि मां लक्ष्मी अथवा मां जगदम्बा की पूजा करें. भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें. शुक्रवार का व्रत रखें और उस दिन खटाई न खाएं. चमकदार सफेद एवं गुलाबी रंग का प्रयोग करें. श्री सूक्त का पाठ करें. शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र, दही, खीर, ज्वार, इत्र, रंग-बिरंगे कपड़े, चांदी, चावल इत्यादि वस्तुएं दान करें.
आइए भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास से जानते हैं कि शुक्र का तुला राशि में प्रवेश करने से राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
शुभ: वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ
सामान्य: मेष, कर्क सिंह, धनु
अशुभ: वृश्चिक और मीन