आबू रोड(सिरोही): अपर जिला व सत्र न्यायालय ने दुष्कर्म के झूठे मामले में महिला को दोषी करार दिया. साथ ही दो वर्ष के कारावास व पांच हजार के अर्थ दंड से दंडित किया. जुर्माना अदा नहीं करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए.
दस वर्ष पूर्व एक महिला ने न्यायालय के माध्यम से सदर थाने में परिवाद दर्ज करवाया. महिला ने उसके गले पर छुरी रखकर, जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. सदर थाने के तत्कालीन थानाधिकारी अचलसिंह देवड़ा ने मामले में जांच शुरु की. जांच में मामला झूठा पाया गया था. इस पर न्यायालय में एफआर पेश की गई थी. साथ ही परिवादी के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करवाने पर महिला के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था.
महिला द्वारा झूठा मामला दर्ज करवाने पर आरोपी के खिलाफ साक्ष्य पेश किए:
पब्लिक प्रोसीक्यूटर हसीब अहमद सिद्दीकी की ओर से पांच गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए. साथ ही सात दास्तावेजों को प्रदर्शित करवाया गया. सिद्दीकी ने महिला द्वारा झूठा मामला दर्ज करवाने पर आरोपी के खिलाफ साक्ष्य पेश किए. जिस पर अपर जिला व सत्र न्यायाधीश (क्रमांक-2) श्रीमती ग्रीष्मा शर्मा ने एपीपी के तर्को से सहमति जताई. साथ ही मामले से जुड़ी पत्रावलियों का अवलोकन किया. महिला को धारा 211 तहत दोष सिद्ध करार देते हुए दो वर्ष के कारावास व 5 हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडित करने व जुर्माना अदा नहीं करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए.