जबरन धर्मांतरण के मामले पर सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती का वक्तव्य- हम ब्याज सहित कराएंगे घर वापसी

जबरन धर्मांतरण के मामले पर सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती का वक्तव्य- हम ब्याज सहित कराएंगे घर वापसी

जयपुर: प्रदेश में जबरनहो रही धर्मांतरण की गतिविधियों को सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती का वक्तव्य सामने आया है. उन्होंने फर्स्ट इंडिया न्यूज से बातचीत में कहा कि हम घर वापसी अभियान चलाएंगे. इस दौरान हम ब्याज सहित घर वापसी कराएंगे. उन्होंने कहा कि लंबे समय से इस तरह का षड्यंत्र चल रहा है. अंग्रेजी हुकूमत के समय से ही इस तरह के प्रयास हो रहे हैं. ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड में भी धर्मांतरण का अभियान कुछ लोगों ने चलाया है. पंजाब में भी ऐसा हुआ और राजस्थान में भी इस तरह का षड्यंत्र हो रहा है. 

सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि यह पूरी तरह सामाजिक आंदोलन है लेकिन बीजेपी भी इस मामले पर पूरी तरह सजग है. उन्होंने कहा कि घर वापसी का प्रयास हमारा सदैव ही रहा है. आर्य समाज ने तो देश की आजादी से पहले ही घर वापसी का आंदोलन शुरू किया था. इस काम में आर्य समाज के कई लोग बलिदान दे चुके. उन्होंने कहा कि संघ ने भी इस मामले में बहुत काम किया है. जो लोग बिछड़ गए थे उनको वहां से वापस धर्म में लाया गया. आश्रम बनाकर मूल विचार परिवार में लौटाने का काम किया. सामाजिक दृष्टि से इस मामले में काम होंगे तो राजनीतिक दृष्टि से भी काम होगा. 

लोगों को भूत प्रेत का ऊपरी साया दिखाकर ईसाई बनने के लिए मजबूर कर रहे:
आपको बता दें कि जयपुर के सांगानेर सदर थाना क्षेत्र के वाटिका गांव में ईसाई मिशनरियों द्वारा लोगों को ईसाई मिशनरियों द्वारा डरा धमका कर लालच देकर हिंदू धर्म के खिलाफ भड़काने का मामला सामने आया था. वाटिका ग्राम पंचायत के आसपास बसी दलित बस्तियों को अपना शिकार बनाकर,,  ईसाई मिशनरी लोगों को भूत प्रेत का ऊपरी साया दिखाकर ईसाई बनने के लिए मजबूर कर रहे हैं.

वाटिका के आसपास के क्षेत्र को ईसाई मिशनरियों ने अपना गढ़ बना लिया:
ग्राम पंचायत वाटिका के आसपास के क्षेत्र को ईसाई मिशनरियों ने अपना गढ़ बना लिया है. यहां दलित दलित बस्तियों में ईसाई मिशनरी घरों में घुसकर लोगों को डरा धमका कर धर्म परिवर्तन करवाने में जुटे हुए हैं. इसके लिए बाकायदा ईसाई मिशनरी ने अपना एक स्थान बना रखा है जहां पर वो सप्ताह में 2 दिन रविवार व बुधवार धर्म सभा का आयोजन कर लोगों को सत्संग के बहाने वहां बुलाते हैं  और उन्हें हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ बरगला कर प्रभु यीशु की शरण में आने के लिए मजबूर करते हैं. यही नहीं खासकर वह लोग जो कि किसी समस्या में उलझे हुए हैं या किसी शारीरिक बाधा से परेशान हैं. जिन को ठीक करने या उनकी समस्या का समाधान करने का  प्रलोभन देकर ईसाई धर्म ग्रहण करने के लिए मजबूर किया जाता है. 

बड़ी चालाकी से जाल बिछाकर लोगों का धर्म परिवर्तन करवा रहे:
ईसाई मिशनरी बड़ी चालाकी से जाल बिछाकर लोगों का धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं. अपने (चर्च ऑफ साल्वेशन हीलिंग एंड प्रोफेसी) कथित धार्मिक स्थान पर लोगों को सत्संग व ऊपरी बाधाओं के इलाज के बहाने बुलाकर उन्हें ईसाई धर्म की तरफ मोड़ा जाता है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि प्री प्लान के तहत वो अपने ही लोगों को उस धार्मिक आयोजन के बीच बिठाते हैं और फिर उनसे नाटक करवाया जाता है कि उनके शरीर में किसी तरह की कोई भूत प्रेत या ऊपरी हवा का असर है. जिससे कि वह जोर-जोर से हिलने व चिल्लाने लगते हैं. 

ईसाई मिशनरियों ने लोगों को हिंदू धर्म के खिलाफ बरगलाने शुरू किया:
उसके बाद ईसाई मिशनरी द्वारा उनके सिर पर हाथ फिराया जाता उसके बाद वह व्यक्ति का हिलाना बंद कर देता है. इस तरह बीमारी का निदान कर स्थानीय लोगों के बीच प्रभु यीशु के चमत्कार का इंप्रेशन दिखाया जाता है. जिससे कि लोग उनके बहकावे में आने लग गए और दर्जनों की तादाद में उनके इस धार्मिक सत्संग में शामिल होने के लिए जाने लगे. लेकिन धीरे-धीरे जब लोगों को समझ में आने लगा जब ईसाई मिशनरियों ने लोगों को हिंदू धर्म के खिलाफ बरगलाने शुरू किया वह हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों को कुएं में फेंकने के लिए कहा जाने लगा तब उनकी मंशा धीरे-धीरे लोगों के समझ में आने लगी. 

दलित बस्ती के लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू किया:
ईसाई मिशनरियों ने खासकर दलित बस्ती के लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू किया. दलित बस्ती में भी उन लोगों को जो कि शिक्षा की दृष्टि से व आर्थिक रूप से कमजोर लोग हैं. जो अंधविश्वास में जल्दी उलझ रहे थे, जो अंधविश्वास से आसानी से डरने वाले थे,, जिसके चलते उन्होंने वाटिका ग्राम पंचायत की आसपास की दलित बस्तियों में यीशु मसीह के प्रचार प्रसार को बढ़ावा दिया. इन लोगों को यीशु का चमत्कार दिखाकर अपने धार्मिक स्थान पर बुलाना शुरू किया. वह हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ भड़काना शुरू किया. हिंदू देवी देवताओं की प्रतिमाओं को घर से बाहर फेंकने के लिए कहा गया. यहां तक कि घर में दीपावली का त्यौहार मनाने के लिए भी मना किया गया. वहीं चमत्कार के नाम पर अपने ही लोगों को फर्जी पेशेंट बनाकर लोगों के सामने ठीक करने का नाटक कर चमत्कार दिखाया. वहीं लोगों को तांत्रिक प्रभाव का डर दिखाकर प्रभु यीशु की शरण में आने के लिए मजबूर किया. 

ग्राम पंचायत से जब धर्म सभा के लिए अनुमति मांगी तब पूरे मामले का खुलासा हुआ:
ईसाई मिशनरियों के फास्टर धर्मपाल ने जब वाटिका के ग्राम पंचायत के सिमलिया रोड पर ईसाइयों की एक बड़ी  धर्म सभा करने का प्लान बनाया. उसके लिए बैनर व पोस्टर पूरे ग्राम पंचायत में चिपकाए व ग्राम पंचायत से जब धर्म सभा के लिए अनुमति मांगी तब पूरे मामले का खुलासा हुआ.  उसके बाद क्षेत्र के तमाम हिंदू संगठन सक्रिय हो गए. साथ ही ईसाई मिशनरियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. हिंदू संगठनों के पदाधिकारी लोगों के घर-घर जाकर उनसे पूरे मामले की जानकारी लेने लगे. वह ईसाई मिशनरियों द्वारा की जाने वाली हरकतों की जानकारी लेने लगे. वह हिंदू धर्म में छोड़ने के खिलाफ भी लोगों से समझा. ऐसे में जब पूरे मामले का पता ईसाई मिशनरियों को चला तो वो धर्म सभा के कैंसिल होने की जानकारी का एक पंपलेट धर्मसभा आयोजित होने वाले स्थान पर चिपका कर गांव से फरार हो गए. बताया जा रहा है कि ईसाई मिशनरियों का फास्ट धर्मपाल भी पूर्व में धनपाल बैरवा था. वह खुद धर्म परिवर्तन कर धनपाल बना हैं. वह खुद SC समुदाय का होने के चलते अब अधिकांश SC समुदाय के लोगों को धर्म परिवर्तन का शिकार बना रहा है.