तालिबान आतंकवादियों ने पाकिस्तान में पुलिसकर्मियों को बंधक बनाया, 2 पुलिसकर्मी की मौत

पेशावर: पाकिस्तान में अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू जिले में पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों ने एक आतंकवाद रोधी केंद्र पर कब्जा कर लिया और कुछ लोगों को बंधक बना लिया. इस दौरान कम से कम दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी तथा कई अन्य घायल हो गए. आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने कुछ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था तथा उनसे पुलिस थाने में पूछताछ की जा रही थी. इसी दौरान इनमें से एक आतंकवादी ने रविवार को पुलिसकर्मी से एके-47 छीन ली और गोलियां चलानी शुरू कर दी.

इसके बाद उसने अन्य आतंकवादियों को मुक्त कराया जिन्होंने परिसर को अपने कब्जे में ले लिया. उन्होंने कई पुलिसकर्मियों को भी बंधक बना लिया. इस केंद्र में सैन्य अभियान चल रहा है और घटना के 17 घंटे बाद भी स्थिति तनावपूर्ण है. सूत्रों ने बताया कि गोलीबारी में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी है. प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री अकरम खान दुर्रानी और मौजूदा प्रांतीय मंत्री मलिक शाह मोहम्मद आतंकवादियों से बातचीत शुरू करने के लिए बन्नू पहुंच गए हैं. दुर्रानी और मुहम्मद दोनों बन्नू से ताल्लुक रखते हैं. आतंकवादियों ने बंधकों को छोड़ने के बदले में सुरक्षा बलों से उन्हें सुरक्षित अफगानिस्तान पहुंचाने के लिए एक हेलीकॉप्टर की व्यवस्था करने की मांग की है. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, बन्नू के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) मोहम्मद इकबाल ने कहा कि बाहर से कोई हमला नहीं किया गया और पूछताछ के दौरान एक आतंकवादी ने पुलिस से राइफल छीन ली और इमारत में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर गोलियां चलायी. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने इमारत पर कब्जा कर लिया है और हमने पूरे बन्नू छावनी इलाके को घेर लिया है.’’

बन्नू छावनी में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गयी है. प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने एक बयान में कहा कि बन्नू सीटीडी कर्मियों को बंधक बनाने वाले लोगों में उसके कई सदस्य शामिल है. उसने सरकार को चेतानवी दी कि कैदियों को दक्षिण या उत्तर वजीरिस्तान में ले जाया जाए, जहां टीटीपी के ठिकाने हैं वरना हर नुकसान के लिए सेना जिम्मेदार होगी. इससे पहले, सीटीडी परिसर के भीतर टीटीपी के आतंकवादियों ने एक वीडियो जारी कर दावा किया था कि नौ पुलिसकर्मी उनके कब्जे में हैं और उन्होंने बंधकों को छुड़ाने के बदले में उन्हें हवाई मार्ग से सुरक्षित अफगानिस्तान जाने देने की मांग रखी है. सोर्स- भाषा