नई दिल्ली: सरकार को खेती के अधिक रकबे तथा मिट्टी में अनुकूल नमी की स्थिति के कारण चालू रबी मौसम में फसल उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को यह कहा.एक सरकारी बयान के अनुसार तोमर ने रबी फसलों की स्थिति का जायजा लेने के लिए मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की.उन्होंने कहा कि रबी सत्र में बुवाई का रकबा एक साल पहले की अवधि की तुलना में अब तक 24.13 लाख हेक्टेयर अधिक है.
तोमर ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के 138.35 लाख हेक्टेयर की तुलना में अब तक गेहूं खेती का रकबा 152.88 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है. बयान में कहा गया है, गेहूं के मामले में, पिछले वर्ष की तुलना में रकबे में 14.53 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है और यह पिछले चार साल से अब तक का सबसे अधिक रकबा है. रबी फसलों के तहत बोया गया कुल क्षेत्रफल 25 नवंबर की स्थिति के अनुसार 358.59 लाख हेक्टेयर. यह सामान्य रबी खेती के रकबे का 57 प्रतिशत है. जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह रकबा 334.46 लाख हेक्टेयर था. इस प्रकार, पिछले वर्ष की तुलना में रबी फसलों की खेती का रकबा 24.13 लाख हेक्टेयर बढ़ा है.
बयान में कहा गया है, तोमर ने आशा व्यक्त की कि मिट्टी में नमी की अनुकूल स्थिति, जल भंडारण की अच्छी स्थिति और देश भर में उर्वरकों की सहज उपलब्धता के साथ, आने वाले दिनों में रबी फसल खेती के रकबे में और वृद्धि होने की उम्मीद है. ऐसे में अच्छी रबी फसल की उम्मीद की जा सकती है. मुख्य रबी फसल- गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है और कटाई मार्च-अप्रैल में शुरू होती है. गेहूं के अलावा, चना और सरसों 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के रबी मौसम के दौरान उगाई जाने वाली अन्य प्रमुख फसलें हैं.
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश (6.40 लाख हेक्टेयर), राजस्थान (5.67 लाख हेक्टेयर), पंजाब (1.55 लाख हेक्टेयर), बिहार (1.05 लाख हेक्टेयर), गुजरात (0.78 लाख हेक्टेयर), जम्मू और कश्मीर (0.74 लाख हेक्टेयर), और उत्तर प्रदेश (0.70 लाख हेक्टेयर) में गेहूं खेती के अधिक रकबा होने की सूचना है.इस रबी सत्र में 25 नवंबर तक तिलहन खेती का रकबा 13.58 प्रतिशत बढ़कर 75.77 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 66.71 लाख हेक्टेयर था. इसमें से पहले के 61.96 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 70.89 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुआई हो चुकी है.
दालों के मामले में, उक्त अवधि में पहले के 94.37 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस बार थोड़ा कम यानी 94.26 लाख हेक्टेयर दलहन फसल बोई गई है.मोटे अनाज की बुवाई 26.54 लाख हेक्टेयर में की गई, जो रकबा पहले 26.70 लाख हेक्टेयर था. जबकि चावल की बुवाई 9.14 लाख हेक्टेयर में हुई, जो पहले 8.33 लाख हेक्टेयर था. फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में भारत का खाद्यान्न (चावल, गेहूं, दाल और मोटे अनाज) का उत्पादन 31 करोड़ 57.2 लाख टन रहा. इसमें से लगभग 16 करोड़ टन का उत्पादन रबी सत्र में हुआ.(भाषा)