नई दिल्ली: विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के पूर्वानुमान के मुताबिक वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण विश्व व्यापार में होने वाली वृद्धि 2023 में घटकर एक प्रतिशत तक रह सकती है.
डब्ल्यूटीओ ने इस साल वैश्विक व्यापार में 3.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है, जबकि इससे पहले अप्रैल में उसने समान अवधि के लिए तीन प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया था. बहुपक्षीय निकाय ने एक बयान में कहा कि विश्व व्यापार की गति 2022 की दूसरी छमाही में धीमी पड़ने और 2023 में सुस्त रहने का अनुमान है.
वृद्धि धीमी होने के कारण आयात मांग में नरमी का अनुमान:
बयान के मुताबिक, डब्ल्यूटीओ के अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि 2022 में वैश्विक वस्तु व्यापार में 3.5 प्रतिशत वृद्धि होगी. यह अप्रैल में तीन प्रतिशत के पूर्वानुमान से थोड़ा बेहतर है. हालांकि, उन्हें 2023 में एक प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है, जो 3.4 प्रतिशत के पिछले अनुमान के मुकाबले काफी कम है.' ये पूर्वानुमान भारत के लिए अच्छे नहीं हैं, क्योंकि देश ने अपने निर्यात को बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी योजना बनाई है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि विभिन्न कारणों से प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि धीमी होने के कारण आयात मांग में नरमी का अनुमान है.
बुरा असर विकासशील देशों में देखने को मिल रहा:
रूस-यूक्रेन युद्ध से ऊर्जा कीमतों में तेजी के कारण यूरोप में विनिर्माण लागत बढ़ेगी और घरेलू खर्च में कमी आएगी. बयान में आगे कहा गया है कि अमेरिका में सख्त मौद्रिक नीति से आवास, मोटर वाहन और ब्याज दर को लेकर संवेदनशील अन्य क्षेत्रों में खर्च प्रभावित होगा. चीन कमजोर बाहरी मांग के साथ ही कोविड-19 के प्रकोप से जूझ रहा है. ईंधन, खाद्य वस्तुओं और उर्वरकों की कीमतों में बढ़ोतरी का बुरा असर विकासशील देशों में देखने को मिल रहा है. सोर्स-भाषा