जयपुरः लंबे समय के बाद राजस्थान रोडवेज़ के बेड़े में नई बसों की एंट्री हुई है. डिप्टी CM डॉ प्रेमचंद बैरवा ने आज 5 नई रोडवेज बसों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया
राजस्थान रोडवेज़ सेवा लंबे समय से बसों की कमी से जूझ रही है. रोडवेज़ के बेड़े में बसों की संख्या लगातार कम होती जा रही है जिससे रोडवेज़ की बस सेवा सिमट गई है. लंबे समय के बाद अब रोडवेज़ में फिर से नई बसें आने की शुरुआत हुई है. आज रोडवेज़ के बेड़े में 5 नई बसें शामिल हुईं जिन्हें डिप्टी CM ने पूजा अर्चना करने के बाद हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. इस मौक़े पर डिप्टी CM बैरवा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आमजन को बेहतर परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करवाने के लिए रोडवेज बेड़े में नई बसों को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि बजट घोषणा में 1650 कार्मिकों की भर्ती एवं 1300 नई बसें शामिल करने की घोषणा मुख्यमंत्री के आमजन को सुरक्षित एवं सुगम परिवहन की मुहैया कराने की दृढ इच्छाशक्ति को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि बीते 5 साल में पिछली सरकार ने रोडवेज़ के भले के लिए कोई काम नहीं किया है लेकिन अब मौजूदा सरकार की प्राथमिकता में रोडवेज़ को फिर से मज़बूत बनाना है और इसकी शुरुआत हो गई है. जिन 5 बसों को आज डिप्टी CM ने हरी झंडी दिखाई है उनमें से 3 बसें भरतपुर डिपो को तो वहीं 2 बसें जयपुर के वैशाली नगर डिपो को दी गई है.
इस अवसर पर परिवहन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं रोडवेज अध्यक्ष श्रेया गुहा ने बताया कि बेड़े में शामिल बसें नवीनतम प्रदूषण नियंत्रण मानक युक्त बीएस-6 श्रेणी की है जिसकी बस बॉडी का निर्माण कार्य नवीनतम बस बॉडी कोड एआईएस-052 अनुसार करवाया गया हैं जो उन्हें और अधिक सुरक्षित बनाता है. यह सभी वाहन वीटीएस (व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम) एवं महिला सुरक्षा हेतु पैनिक बटन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है. इसके साथ ही इनमें यात्रियों की सुविधा के लिए प्रत्येक पंक्ति में मोबाईल चार्जर सॉकेट लगाये गये है. श्रेया गुहा ने बताया कि अभी रोडवेज प्रबंधन को 505 बसें मिलना और बाक़ी है. इनमें से क़रीब 30 बसें रोडवेज़ प्रबंधन को 10 अगस्त तक मिल जायेंगी वहीं अगस्त माह के आख़िरी तक प्रबंधन को कुल 100 बसें मिल जायेंगी. अक्टूबर महीने तक रोडवेज़ प्रबंधन को सभी 510 बसें मिलने की उम्मीद है. रोडवेज़ CMD ने बताया कि जल्द ही प्रदेश में इलेक्ट्रिकल बसें ख़रीदने की प्रकिया भी शुरू की जाएगी.
रोडवेज़ को 5 नई बसें मिलना मौजूदा समय में ऊँट के मुँह में जीरे के समान है. हालाँकि अच्छी बात यह है कि अक्टूबर के आख़िरी तक रोडवेज़ के बेड़े में 500 नई बसें और शामिल हो सकती हैं