राजस्थान को ग्रीन कवर देने के लिए चलेगा वृहद पौधारोपण अभियान, एसीएस अपर्णा अरोड़ा ने ली मैराथन समीक्षा बैठक

जयपुर: वन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा ने कहा कि वन्यजीव संरक्षण के साथ राज्य को हरा भरा बनाने के लिए विभाग संकल्पित होकर कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि वन विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आमजन को वन्यजीव संरक्षण एवं पौधरोपण के लिए जागरूक किये जाने की आवश्यकता है ताकि राज्य को हरा भरा प्रदेश बनाने का संकल्प साकार हो सके.

अपर्णा अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई वन विभाग की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक
- वृहद पौधारोपण अभियान, विदेशी सहायता प्राप्त प्रोजेक्ट, लव कुश वाटिका, ग्रीन लंग्स योजना
- नए ग्रासलैंड्स का विकास, जूली फ्लोरा निस्तारण, नेशनल व स्टेट हाईवेज के किनारे पौधारोपण
- वन महोत्सव, पौध तैयार करने व वितरण की तैयारी, खनन क्षेत्र में पौधरोपण
- प्रदेश में 9.6 फ़ीसदी से 20 फ़ीसदी तक वन क्षेत्र विस्तार का लक्ष्य
- अलग अलग जिलों के उपवन संरक्षकों ने दिए प्रेजेंटेशन

अतिरिक्त मुख्य अपर्णा अरोड़ा ने अरण्य भवन में राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक ली. इस अवसर पर उन्होंने विभाग द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं की प्रगति समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने विभाग द्वारा जिला स्तर पर किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अधिकारी वन्यजीव एवं वन संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पूर्णतया संकल्पित होकर कार्य करें. 

बैठक के दौरान अपर्णा अरोड़ा ने  अवैध खनन एवं अवैध अतिक्रमण पर पूर्णतया रोक लगाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन एवं अन्य सम्बंधित विभागों के साथ समन्व स्थापित कर अवैध खनन एवं अतिक्रमण पर रोक लगाना सुनिश्चित किया  जाये. इस सम्बन्ध में उन्होंने मौजूद जिला स्तरीय अधिकारीयों से वर्तमान परिस्तिथियों की समीक्षा पर आ रही  बाधाओं एवं समाधानों  पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण मुक्त जमीन पर ग्रासलैंड रिकवरी का कार्य प्राथमिकता से किया जाये ताकि जमीन अपने मूल स्वरूप में वापस आ सके. 

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान विभाग की प्रमुख योजना ट्री आउटसाइड फॉरेस्ट इन राजस्थान की प्रगति समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण किया जाना है, वही योजना के तहत  4 करोड़ पौधों का वितरण आमजन , एनजीओ, अन्य सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं को वितरित किये जायेंगे वही कुल 552 नर्सरी में पौधरोपण  का कार्य किया जा रहा है, जिसके तहत उत्कृष्ट, स्थानीय एवं छांयादार पौधे तैयार करने पर विशेष ध्यान दिया जाये. 

इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में राष्ट्रिय एवं राज स्तरीय राजमार्गों पर भी पौधरोपण का कार्य किया जाना सुनिश्चित किया जाये. बैठक के दौरान वन विभाग की जमीनों के सीमांकन कार्य सहित अन्य कार्यों पर भी विस्तार से चर्चा की गयी. दरअसल राजस्थान में अभी कुलभूभाग का 9.6 फीसदी ही वन क्षेत्र है इसे बढ़ाकर 20 फ़ीसदी किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए सघन पौधरोपण अभियान चलाना, नेशनल हाईवेज और स्टेट हाईवेज के किनारे पौधारोपण करना, पौधारोपण अभियान में जन भागीदारी सुनिश्चित करना, ट्री आउटसाइड फॉरेस्ट इन राजस्थान योजना के तहत वन महोत्सव के जरिए पौध वितरण कार्यक्रम को क्रियान्वित करना. 

फ्रांस और जापान की एजेंटीयों द्वारा बायोडायवर्सिटी के जो दो प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहे हैं उनकी प्रगति और उनको लेकर जो कार्य योजना तैयार की गई है उसे पर भी आज की बैठक में चर्चा की गई. साथ ही वन विभाग के जमीन पे हो रहें अवैध अतिक्रमण, अवैध खनन पर पूरी तरह रोक तथा अतिक्रमण से मुक्त जमीन पर ग्रासलैंड रिकवरी का कार्य पे विशेष जोर दिए गया. अतिरिक्त मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा ने विभाग के नर्सरी का उत्कृष्ट तथा स्थानीय एवं छायेदार पौध तैयारी के कार्य के लिए निर्देश प्रदान किए गए. 

वन विभाग की जमीन के सीमांकन कार्य, शेष अमलदारमाद कार्य पर भी चर्चा की गई. इसके साथ ही ऑक्सीजन पार्क, ग्रीन लंग्स योजना, लवकुश वाटिकाओं को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई. संरक्षित वन क्षेत्र से जूली फ्लोर हटाने को लेकर भी कार्य योजना तैयार कर उसे पर जल्द कार्य शुरू करने के भी निर्देश दिए गए.