जयपुर: पंचांग का हिंदू धर्म में शुभ व अशुभ देखने के लिए विशेष महत्व होता है. पंचाग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है. यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, शुभ तिथि, नक्षत्र, व्रतोत्सव, राहुकाल, दिशाशूल और आज शुभ चौघड़िये आदि की जानकारी देते हैं.
शुभ मास- माघ मास कृष्ण पक्ष
शुभ तिथि तृतीया जया संज्ञक तिथि दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक तत्पश्चात चतुर्थी रिक्ता संज्ञक तिथि आरम्भ. तृतीया तिथि में सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य, विवाह, प्रतिष्ठा, अन्नप्राशन, यज्ञोपवीत, उत्सव, यज्ञादि कार्य विशेष शुभ माने जाते हैं. तृतीया तिथि में जन्मे जातक प्रमादी, धनवान, बुद्धिवान, भाग्यवान, पराक्रमी होते हैं.
शुभ नक्षत्र अश्लेषा नामक "तीक्ष्ण" संज्ञक नक्षत्र प्रातः 9 बजकर 01 मिनट तक तत्पश्चात मघा नक्षत्र रहेगा. अश्लेषा मे शत्रु, कोर्ट कचहरी इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. शुभ-मांगलिक कार्य वर्जित है. अश्लेषा नक्षत्र गंड मूल नक्षत्र माना जाता हैं. इस नक्षत्र में जन्मे जातक की गंड मूल शांति हवन 27 दिन बाद पुनः इसी नक्षत्र के दिन करा लेनी चाहिए. अश्लेषा नक्षत्र मे जन्म लेने वाला जातक क्रोधी स्वाभाव वाला, सुन्दर, धनवान, बुद्धिमान होता है.
चन्द्रमा- सम्पूर्ण दिन सिंह राशि में संचार करेगा
व्रत उपवास- अंगारक संकष्ट चतुर्थी व्रत, तिलकुटा चौथ व्रत, चंद्रोदय रात्रि 8-51 पर
राहुकाल- दोपहर 3 बजे से 4.30 बजे तक
दिशाशूल- मंगलवार को उत्त्तर दिशा मे दिशाशूल रहता है. यात्रा को सफल बनाने लिए घर से गुड़ खा कर निकले.
आज के शुभ चौघड़िये- प्रातः 9.58 मिनट से दोपहर 01.52 मिनट तक चर, लाभ, अमृत का चौघड़िया.