जयपुर: राजधानी के टोंक रोड स्थित वाटिका में आशियाना ग्रुप की ओर से एक नहीं दो नहीं बल्कि एक साथ तीन अवैध कॉलोनियां काटकर गरीबों को जमकर लूटा जा रहा है. जेडीए की बिना स्वीकृति के काटी जा रही इन कॉलोनियों में किश्तों में भूखंड देने का लालच देकर गरीबों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है. यही नहीं जेडीए और सरकार को भी राजस्व की बड़ी चपत लगाई जा रही है.
आशियाना ग्रुप की ओर से राजधानी के टोंक रोड स्थित वाटिका में सीमलिया रोड, नीमड़ी की ढ़ाणी और लाखना रोड पर अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं. इन अवैध कॉलोनियों की लांचिंग हाल ही की गई है. आशियाना ग्रुप की ओर से इन कॉलोनियों में भूखंड बेचने के लिए जमकर प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है. आस-पास के इलाकों में पम्पलेट बांटे जा रहे हैं. सीधे ही निजी खातेदारी की कृषि भूमि पर बिना भू रूपांतरण,बिना भू उपयोग परिवर्तन,बिना ले आउट प्लान अनुमोदन के अवैध रूप से काटी गई इन कॉलोनियों में भूखंडों का बेचान किया जा रहा है. भूखंडों के बेचान के लिए अल्प आय वर्ग के लोगों को गुमराह किया जा रहा है.
लोग सस्ते भूखंड व किश्तों में राशि लेने के चक्कर में धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं. इन अवैध कॉलोनियों पर अगर जेडीए का बुलडोजर चला तो इसमें भूखंड लेने वाले गरीबों का आशियाना सपना चकनाचूर हो जाएगा. नगर नियोजन के सारे नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए काटी गई इन कॉलोनियों में भूखंड बेचने के लिए किए जा रहे प्रचार प्रसार के बावजूद जेडीए की प्रवर्तन शाखा के जिम्मेदार अधिकारी पूरे मामले में मूक दर्शक बने हुए हैं.
-वाटिका में सीमलिया रोड पर आशियाना ग्रुप की ओर से आशियाना होम के नाम से कॉलोनी की लांचिंग इस 13 अक्टूबर को ही की गई है
-यहां दस से बारह हजार रुपए प्रति वर्गगज में भूखंडों का बेचान किया जा रहा है
-इसी तरह वाटिका में ही दूसरी कॉलोनी नीमड़ी की ढाणी में आशियाना वाटिका-2 के नाम से हाल ही काटी गई है
-यहां 55 सौ रुपए प्रति वर्गगज के भाव से किश्तों में भूखंडों का बेचान किया जा रहा है
-लाखना रोड पर तीसरी अवैध कॉलोनी में दस हजार रुपए प्रति वर्गगज के भाव से भूखंड बेचे जा रहे हैं
-किसी कॉलोनी में हरि नगर गृह निर्माण सहकारी समिति के पट्टे दिए जा रहे हैं
-तो किसी कॉलोनी में ग्रुप अपनी ही किसी कंपनी के माध्यम से सीधे ही खातेदारी भूखंडों का बेचान कर रहा है
-भूखंडों को बेचने के लिए इन कॉलोनियों में पेयजल का मुफ्त कनेक्शन का वादा भी आशियाना ग्रुप की ओर से किया गया है
-इसके लिए आशियाना ग्रुप की ओर से बोरिंग भी खुदवाए गए हैं
-अवैध कॉलोनियां काटने का यह सारा खेल किसी से छुपा हुआ है नहीं हैं
-इसके बावजूद जेडीए की प्रवर्तन शाखा के अधिकारी मामले में जानबूझकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं
इन अवैध कॉलोनियों में भूखंडों का बेचान कर जहां भोलेभाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. तमाम नियम-कानूनों को दरकिनार कर परवान चढ़ रही इन कॉलोनियों के चलते जेडीए और राज्य सरकार को राजस्व की भी हानि हो रही है. आपको बताते हैं कि आशियाना ग्रुप किस तरह सरकारी खजाने को चूना लगा रहा है.
-सीधे ही कृषि भूमि पर बिना भू रूपांतरण के इन अवैध कॉलोनियों में भूखंड बेचे जा रहे हैं
-जेडीए से भू रूपांतरण कराया जाता तो जेडीए इसके लिए कॉलोनाइजर से भू रूपांतरण शुल्क वसूलता
-मास्टर प्लान के अनुसार भू उपयोग होने पर ही कॉलोनी के लिए भू रूपांतरण किया जा सकता है
-इन अवैध कॉलोनियों की भूमि अगर मास्टर प्लान में आवासीय होती है तो भी
-उसके अनुसार भू उपयोग की स्वीकृति के लिए कॉलोनाइजर को जेडीए में शुल्क जमा कराना पड़ता
-इसी तरह कॉलोनियों के ले आउट प्लान अनुमोदन का शुल्क भी जेडीए की ओर से वसूला जाता
-बाद में भूखंडों जेडीए की ओर से पट्टे जारी होने पर आवंटियों को विभिन्न मद में राशि जेडीए में जमा करानी पड़ती
-इस तरह इन अवैध कॉलोनियों के कारण ये तमाम शुल्कों से मिलने वाला राजस्व जेडीए को नहीं मिल रहा है