मालेगांव विस्फोट केस फैसले के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का बड़ा बयान, कहा-हिंदुत्व की जीत हुई, भगवा आतंकवाद कहने वालों को दंड मिलेगा

मालेगांव विस्फोट केस फैसले के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का बड़ा बयान, कहा-हिंदुत्व की जीत हुई, भगवा आतंकवाद कहने वालों को दंड मिलेगा

नई दिल्ली: NIA कोर्ट ने मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित और अन्य सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया. आरोपियों को UAPA, आर्म्स एक्ट और अन्य सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है. फैसले के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मुझे 13 दिन तक टॉर्चर किया गया. मुझे 17 साल तक अपमानित किया गया. हिंदुत्व की जीत हुई. भगवा आतंकवाद कहने वालों को दंड मिलेगा. मुझे अपने ही देश में आतंकी बना दिया गया. 

साध्वी प्रज्ञा सिंह ने कहा कि मैंने शुरू से ही कहा था कि जिन्हें भी जांच के लिए बुलाया जाता है, उनके पीछे कोई न कोई आधार ज़रूर होना चाहिए. मुझे जांच के लिए बुलाया गया और मुझे गिरफ़्तार करके प्रताड़ित किया गया. इससे मेरा पूरा जीवन बर्बाद हो गया. मैं एक साधु का जीवन जी रही थी लेकिन मुझ पर आरोप लगाए गए और कोई भी हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ. मैं ज़िंदा हूं क्योंकि मैं एक सन्यासी हूं. उन्होंने साज़िश करके भगवा को बदनाम किया. आज भगवा की जीत हुई है, हिंदुत्व की जीत हुई है और ईश्वर दोषियों को सज़ा देगा. हालांकि, भारत और भगवा को बदनाम करने वालों को आपने ग़लत साबित नहीं किया है.

आपको बता दें कि मालेगांव ब्लास्ट केस में सभी 7 आरोपी बरी कर दिए गए. सभी आरोपियों को संदेह का लाभ मिला. सबूतों के अभाव में कोर्ट ने सभी को बरी किया. मामले में साध्वी प्रज्ञा, कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, समीर कुलकर्णी, स्वामी दयानंद पांडे और सुधाकर चतुर्वेदी बरी हुए. इससे पहले मालेगांव ब्लास्ट केस में जज ने फैसला पढ़ना शुरू किया. ऑर्डर की कॉपी NIA कोर्ट के जज लाहोटी ने पढ़ी. साध्वी प्रज्ञा समेत सभी 7 आरोपी कोर्टरूम में मौजूद रहे. साध्वी प्रज्ञा ने आगे बैठने की अनुमति मांगी.

मामले में 3 से 4 एजेंसियां जांच कर रही थी. जज ने कहा कि बाइक में बम ब्लास्ट किया गया साबित नहीं. बम बाइक से बाहर प्लांट किया गया. पुरोहित ने बम बनाया, ये साबित नहीं हुआ. मामले की जांच में कई गलतियां थी. पंचनामा सही तरीके से नहीं हुआ था. मौके पर फिंगर प्रिंट नहीं मिले थे. बाइक साध्वी प्रज्ञा की थी, साबित नहीं हुआ. ब्लास्ट से पहले बैठक हुई, एजेंसियां साबित नहीं कर पाई. आरोपियों पर UAPA नहीं लग सकता है. सभी आरोपियों को संदेह का लाभ मिल रहा है. 

आपको बता दें कि मालेगांव ब्लास्ट में 17 साल बाद NIA की स्पेशल कोर्ट फैसला सुनाते हुए  7 आरोपियों को बरी कर दिया. मामले में पूर्व भाजपा सांसद साध्वी और एक कर्नल समेत 12 आरोपी है. साल 2008 के बहुचर्चित मालेगांव ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई थी, 101 लोग जख्मी हुए थे. महाराष्ट्र ATS ने की थी शुरुआती जांच, 2011 में NIA को जांच सौंपी गई. मालेगांव ब्लास्ट मामले में 3 जांच एजेंसियां और 4 जज बदल चुके है. साल 2016 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने चार्जशीट दायर की थी. इससे पहले 8 मई 2025 को आने फैसला वाला था. लेकिन बाद में इसे 31 जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया था.