नई दिल्ली : हवा में जहर से दिमाग पर वार हो रहा है. बढ़ते प्रदूषण से ‘साइलेंट स्ट्रोक’ के मामले बढ़ रहे हैं. लंबे समय तक प्रदूषण का संपर्क स्ट्रोक की वजह बन सकता है. रिसर्च में साइलेंट स्ट्रोक के खतरे के चौंकाने वाले संकेत मिले हैं.
प्रदूषण के साथ बढ़ी हुई ठंड स्ट्रोक का कारण बन रही है. डॉक्टरों का कहना है कि इस समय प्रदूषण और ठंड से खुद को बचाना जरूरी है. खासकर उन लोगों को जिनको पहले से हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्या है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रदूषण में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे कण केवल फेफड़ों को ही नहीं ब्रेन को भी नुकसान करते हैं. साइलेंट स्ट्रोक में दिमाग की छोटी- छोटी नसों में ब्लॉकेज हो जाती है और इससे लकवा मार जाता है.
सिर में तेज दर्द बना रहना, चलते समय बैलेंस बिगाड़ना, धुंधला दिखना व सुबह उल्टी आना इसके लक्षण है. साइलेंट स्ट्रोक से बचाव के लिए सबसे पहले प्रदूषण और ठंड से बचाव करें जरूरी है, इसके लिए मास्क लगाएं और सुबह शाम घर से बाहर निकलने से बचें.