जयपुरः श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के संस्थापक सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में गोली लगने से घायल चश्मदीद अजीत सिंह राजावत ने बीती रात दम तोड़ दिया. अजीत ने जयपुर के SMS अस्पताल के ICU में अंतिम सांस ली. जहां बुधवार को उनका पोस्टमार्टम किया जाएगा. पुलिस अब शूटर्स पर अजीत की हत्या का भी केस दर्ज करेगी.
घटनाक्रम के बाद अजीत को मेट्रो मास अस्पताल से SMS शिफ्ट किए गया था. डॉक्टर्स के अनुसार छाती से निचले हिस्से में लकवा मार गया था. गर्दन की रीढ़ C7 लेवल पर गोली लगने से शरीर का कंट्रोल से खो गया था. चोट इतनी गहरी थी की वापस रिकवरी की उम्मीद नहीं बची थी. ऐसे में अंतिम 2 घंटों में अजीत सिंह को 3 हार्टअटैक आए. जिसके बाद अजीत ने दम तोड़ दिया. इसके बाद से ही अस्पताल के बाहर राजपूत समाज के लोग जुटने लगे है. सरकार से मुआवजे की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन करेंगे.
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में शामिल दोनों मुख्य शूटरों और सहयोगी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद NIA ने जांच शुरू कर दी है. NIA ने वारदात का रिक्रिएशन किया. और पता लगाया कि कैसे गोली चलाई गयी.
वहीं मामले को लेकर कोटा कनेक्शन सामने आया है. कोटा निवासी हिस्ट्रीशीटर महेंद्र मेघवाल का हथियार सप्लाई करने में रोल पाया गया. पुलिस ने महेन्द्र मेघवाल के छावनी स्थित घर पर दबिश दी. जिससे फिलहाल पूछताछ जारी है.
घटना के बाद जयपुर पुलिस ने कडी से कडी मिलाई और करीब तीन हजार सीसीटीवी कैमरो की फुटेज देखकर दोनों मुख्य शूटरों को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस की स्पेशल टीमों ने चंडीगढ़ में एक शराब ठेके के ऊपर बने कमरे में छिपे दोनों हमलावरों रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को पहले हिरासत में लिया. इसके साथ ही पुलिस ने उनके भागने में सहयोग करने वाले और हथियार सप्लाई जैसे कई लोगों को अपनी रड़ार में ले लिया है. जिनसे मामले को लेकर फिलहाल पूछताछ जारी है.
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या 5 दिसंबर की दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर जयपुर में हुई थी. दोनों हमलावर रोहित और नितिन फौजी शाहपुरा निवासी नवीन सिंह शेखावत को साथ लेकर सुखदेव सिंह से मिलने पहुंचे थे. श्याम नगर स्थित मकान में करीब 4 मिनट बातचीत करने के बाद दोनों हमलावरों ने अचानक गोलियां बरसा दी. ताबड़तोड़ गोलियां मारने से सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की मौके पर ही मौत हो गई. हमलावर जिस नवीन सिंह को साथ लेकर गए थे, उसकी भी हत्या कर दी. इस हत्याकांड की सूचना मिलते ही राजपूत समाज के लोग मैट्रो मास अस्पताल पहुंच गए और घटना के विरोध में छह दिसम्बर को राजस्थान बंद की घोषणा कर दी.