अलवर: भरतपुर जिले के कुम्हेर से अलवर मजदूरी करने आए बुजुर्ग दंपत्ति आज रोजगार की तलाश में हताश होकर रेल की पटरी पर सो गए. भगवान का शुक्र था कि पास में ही रेलवे लाइन का मेंटेनेंस कर रहे श्रमिकों ने उन्हें देख लिया और पटरी से हटा दिया. सूचना के बाद मौके पर पहुंची आरपीएफ पुलिस उन्हें अपने साथ आरपी एफ थाने पर लेकर आई और उसके बाद दोनों से मामले की जानकारी कर बुजुर्ग दंपति को अनाथालय में भेज दिया.
जानकारी के अनुसार भरतपुर के कुम्हेर निवासी बाबू सिंह पुत्र मोती सिंह उम्र 80 साल और उसकी पत्नी छोटी देवी 80 साल के कोई औलाद नहीं थी और ना ही कोई रिश्तेदार है. गांव में जो मकान था उसे भी बाबू सिंह के भाइयों ने बेच दिया और वह मजदूरी की तलाश में विगत दस साल पहले अलवर में आ गए. अलवर में दोनों अलग-अलग जगह मजदूरी करते और मकानों में चौकीदार करते थे. कभी किसी के मकान पर कभी किसी फ्लैट पर चौकीदारी करते थे.
थोड़ी दूर ही रेलवे लाइन का मेंटेनेंस का काम कर रहे कर्मचारी वहां पहुंचे:
लगातार गिरते स्वास्थ्य और शरीर द्वारा साथ छोड़ने के कारण वह अब इतने हताश हो गए कि आज सुबह 8:30 बजे डबल फाटक के पास दोनों मरने के लिए पटरी पर लेट गए. जैसे ही दोनों मरने के लिए पटरी पर लेटे थोड़ी दूर ही रेलवे लाइन का मेंटेनेंस का काम कर रहे कर्मचारी वहां पहुंचे और इन्होंने हटाया. जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. आरपीएफ थाने के सब इंस्पेक्टर रामनिवास और हेड कांस्टेबल रामेश्वर उन्हें अपने साथ थाने पर ले आए और उन्हें अनाथ आश्रम में भर्ती कराया गया.