जयपुर: प्रदेश में एम्बुलेंसों की मनमानी अब रुकने वाली है. मरीज़ों और उनके परिजनों से मनमाना किराया वसूलने की शिकायतों के बाद परिवहन आयुक्त ने सभी RTO और DTO को कार्रवाई करने की निर्देश दिए हैं.
एंबुलेंस का काम यूं तो मरीजों का दर्द कम करना और उसे जल्द से जल्द बेहतर इलाज मिल सके इसमें मदद करना है. लेकिन प्रदेश में इन दिनों एंबुलेंस मरीजों का दर्द बढ़ रही है. उसका कारण है कि प्रदेश में अधिकतर एंबुलेंस मनमाना किराया वसूल रही है. बात चाहे निजी अस्पतालों से जुड़ी एंबुलेंस हो या स्वतंत्र तौर पर संचालित एंबुलेंस प्रदेश में अधिकतर एंबुलेंस संचालक ऐसे हैं जो परिवहन विभाग की ओर से निर्धारित किराए से अधिक किराया लोगों से वसूल कर रहे हैं. सिर्फ जयपुर शहर में ही किसी अस्पताल से घर तक जाने में और घर से अस्पताल तक जाने का एंबुलेंस होगा चार्ज ₹5000 से अधिक है जो कि परिवहन विभाग की ओर से निर्धारित किराए से बहुत ज्यादा है.
परिवहन विभाग की ओर से जारी आदेशों में साफ लिखा गया है कि एंबुलेंस रात में चलने का किराया अतिरिक्त वसूल नहीं कर सकती लेकिन प्रदेश में अधिकतर एंबुलेंस रात में मरीजों को लाने और ले जाने के लिए कई गुना अधिक किराया वसूल कर रही हैं. परिवहन विभाग को भी इस बारे में लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि अधिकतर एंबुलेंस संचालक निर्धारित किराए से बहुत अधिक किराया वसूल कर रहे हैं. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद परिवहन आयुक्त कन्हैयालाल स्वामी ने इस पर प्रसंज्ञान लिया है और सभी आरटीओ और डीटीओ को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में एंबुलेंस परिवहन विभाग की ओर से तय किया गया किराया ही वसूल करें अगर इससे अधिक किराया एंबुलेंस संचालक लेते हैं तो उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए. परिवहन आयुक्त ने सभी आरटीओ और डीटीओ को यह भी निर्देश दिए हैं कि निजी अस्पतालों के बाहर एंबुलेंस की दरों को प्रदर्शित कराया जाए जिससे लोगों को पता चल सके कि एंबुलेंस का वास्तविक किराया कितना है
कई बार जब आप ऐसी स्थिति में लोगों को अपने मरीज को अस्पताल में ले जाने की जरूरत होती है तो आप आप स्थिति को देखकर एंबुलेंस संचालक मरीज के परिजनों से कई गुना अधिक किराया वसूल करते हैं. इतना ही नहीं अधिकतर एंबुलेंस तो प्रदेश में ऐसी संचालित हो रही हैं जिनमें एंबुलेंस के मानकों के हिसाब से आवश्यक संसाधन भी नहीं है. इसके बावजूद यह एंबुलेंस संचालक लोगों से मनमाना किराया वसूल कर रहे हैं, प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह अस्पताल के बाहर खड़ी एंबुलेंस है अभी खुलकर मनमानी कर रही हैं. खासकर जब किसी व्यक्ति को अपने मरीज की मृत्यु होने के बाद उसके शव को जयपुर से बाहर किसी दूसरे जिले या प्रदेश में ले जाना होता है तो एंबुलेंस परिचालक और व्यक्ति से कई गुना किराया वसूल करते हैं लेकिन ऐसे एंबुलेंस संचालकों पर कोई कार्यवाही नहीं होती...
अब आपको बताते हैं एंबुलेंस का परिवहन विभाग की ओर से निर्धारित किराया...
1- प्रथम 10 किलोमीटर तक एंबुलेंस सिर्फ ₹500 किराया ले सकती है इसमें आना और जाना सम्मिलित है.
2- 10 किलोमीटर के बाद मारुति वैन मार्शल और मैक्स में संचालित हो रही एंबुलेंस 12 रुपए 50 पैसे प्रति किलोमीटर चार्ज कर सकते हैं.
3- 10 किलोमीटर के बाद तवेरा इनोवा बोलेरो गुर्जर में संचालित हो रहे एंबुलेंस वाहन ₹14 ,50 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से चार्ज कर सकते हैं.
4- अन्य बड़े एंबुलेंस और सब वाहन 10 किलोमीटर के बाद ₹17 ,50 पैसे प्रति किलोमीटर चार्ज कर सकते हैं.
5- सभी एंबुलेंस दिन और रात में एक जैसा ही किराया ले सकेंगे रात का कोई किराया अलग नहीं है.
1- परिवहन आयुक्त के निर्देशों के अनुसार अब जिले के प्रमुख अस्पतालों के सहज दृश्य स्थानों पर एंबुलेंस के लिए निर्धारित दरों को प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा.
2- मनमाना किराया वसूल करने के दोषी पाए जाने पर एंबुलेंस के रोगी के लिए अन्य एंबुलेंस की वाहन व्यवस्था परिवहन विभाग करेगा.
दोषी एंबुलेंस चालक के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए एंबुलेंस चालक का लाइसेंस निलंबित करना फिटनेस निरस्त करना और वाहन सीज करने की कार्रवाई की जाएगी. अगर परिवहन आयुक्त के निर्देशों की पालना गंभीरता से प्रदेश के सभी आरटीओ और डीटीओ ने की तो यह तय है कि प्रदेश में एंबुलेंस ओं की मनमानी रोक ली जाएगी क्योंकि अभी परिवहन विभाग की ओर से निगरानी नहीं होने के कारण ही एंबुलेंस संचालक नियमों की कोई परवाह नहीं कर रहे और मरीजों की जेब पर डाका डाल रहे हैं.