चाईबासा: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपनी क्षुद्र राजनीति के लिए झारखंड की आदिवासी माता-बहनों की रक्षा के साथ समझौता कर रहे हैं और इसके लिए राज्य के आदिवासी उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे.
2024 के लोकसभा चुनावों में देखने को मिल जायेगा:
झारखंड के दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन शाह ने यहां टाटा कॉलेज में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हेमंत भाई, कान खोल के सुन लो, अब सब आप को जान गये हैं. अपनी क्षुद्र राजनीति के लिए आदिवासी माता-बहनों की रक्षा के साथ, उनके भविष्य के साथ जो छेड़खानी आप कर रहे हो, उसके लिए झारखंड के आदिवासी आप को कभी माफ नहीं करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि इसका अंदाजा और ट्रेलर हेमंत सरकार को 2024 के लोकसभा चुनावों में देखने को मिल जायेगा.
माता-बहनों की रक्षा करने में विफल रही:
झारखंड मुक्ति मोर्चा, राजद एवं कांग्रेस की राज्य की गठबंधन सरकार पर आदिवासियों के हितों से समझौता करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की सोरेन नीत सरकार घुसपैठियों से आदिवासी माता-बहनों की रक्षा करने में विफल रही है. शाह ने कहा कि घुसपैठिये सीमा पार से झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में घुस कर आदिवासी माता बहनों से जबरन विवाह कर उनकी जमीन, संपत्ति हड़प लेते हैं और अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते हेमंत सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है.
आदिवासी समुदाय को भी धोखा देने का काम किया:
उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड में इस समय भ्रष्टाचार चरम पर है और ‘‘हेमंत सोरेन ने राज्य की पूरी सरकार लुटेरों एवं दलालों के हाथों में सौंप दी है.’’ उन्होंने आरोप लगाया,‘यहां नौकरी के नाम पर युवाओं को धोखा दिया, शिक्षा के नाम पर बच्चों को धोखा दिया और यहां तक कि हेमंत सोरेन की सरकार ने खतियान नीति के नाम पर आदिवासी समुदाय को भी धोखा देने का काम किया है.
लागू करके चाईबासा के लोगों को नौकरी नहीं देगी:
केन्द्र की भाजजपा नीत राजग सरकार को आदिवासियों का वास्तविक हितैषी बताते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने आदिवासियों के कल्याण का बजट कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकारों के अंतिम बजट के 21 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 86 हजार करोड़ रुपये कर दिया है. केन्द्रीय गृहमंत्री ने राज्य सरकार को आगाह करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन की आदिवासी-गैर आदिवासी का भेद पैदा करने की राजनीति सफल नहीं होगी. साथ ही उन्होंने सवाल किया कि चाईबासा में तो भूमि बंदोबस्ती 1964 में हुई थी तो क्या हेमंत सरकार 1932 का खतियान लागू करके चाईबासा के लोगों को नौकरी नहीं देगी?
शाह ने कहा कि आदिवासियों के प्रति अपने सम्मान के चलते ही केन्द्र सरकार ने गरीब आदिवासी घर की द्रौपदी मुर्मू को देश का महामहिम बनाया. उन्होंने आरोप लगाया कि खनन से जुड़े आदिवासी इलाकों एवं जिलों के विकास के लिए मोदी सरकार द्वारा बनाये गये जिला खनिज कोष के लिए झारखंड को मिले 8,301 करोड़ रुपये हेमंत सोरेन सरकार ने उन जिलों एवं आदिवासियों के विकास के लिए उपयोग न कर उसका दुरुपयोग किया है जिसका जवाब उन्हें जनता को देना होगा. सोर्स-भाषा