श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय के नवीन भवनों का शिलान्यास, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने की शिरकत, देखिए खास रिपोर्ट

श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय के नवीन भवनों का शिलान्यास, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने की शिरकत, देखिए खास रिपोर्ट

जोधपुर {शिव प्रकाश पुरोहित}: जोधपुर के विकास और सामाजिक समर्पण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज किया गया, जब केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय के नवीन भवनों का शिलान्यास किया. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संदीप मेहता,  जस्टिस विजय बिश्नोई, कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल, उद्योग राज्य मंत्री केके बिश्नोई विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे. वहीं कार्यक्रम में भामाशाह मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के मोतीलाल ओसवाल और एचडी फाउंडेशन डायरेक्टर विजेंद्र सिंह चौधरी भी मंच पर मौजूद रहे. नेत्रहीन विकास संस्थान संस्थापक अध्यक्ष सुशील बोहरा में सभी अतिथियों का स्वागत किया

40 वर्ष पहले नेत्रहीन विकास संस्थान की ओर से शुरू किया गया नेत्रहीन विद्यालय आज वट वृक्ष का रूप ले चुका है और राजस्थान का पहला नेत्रहीन महाविद्यालय बना है. आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मुख्य आतिथ्य में श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय का शिलान्यास समारोह आयोजित किया गया. इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुशीला बोहरा को “85 वर्ष की युवा समाजसेवी” बताते हुए कहा कि “मुझे नहीं पता था कि मैं कितने बड़े कार्य और शख्सियत से जुड़ने जा रहा हूं.”उन्होंने कहा कि जीवन में दुख आने पर सामान्यतः नकारात्मकता आती है, लेकिन सुशीला ने अपने जीवन को हजारों दिव्यांगजनों के उत्थान के लिए समर्पित किया. उनकी सेवा यात्रा 60 वर्षों से चल रही है, जो अनेकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है.”

शाह ने यह विश्वास व्यक्त किया कि आज से शुरू हुआ यह कार्य समय पर पूर्ण होगा और सैकड़ों नेत्रहीन विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा. उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को यदि अवसर मिले, तो वे असंभव को भी संभव बना सकते हैं.उन्होंने पैरा ओलंपिक में भारत की सफलता और देवेंद्र झाझरिया जैसे खिलाड़ियों का उदाहरण देकर दिव्यांगजनों की असीम क्षमताओं को रेखांकित किया. शाह ने यह भी कहा कि सरकार और समाज मिलकर अगर काम करें, तो हर चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है. उन्होंने सुशीला बोहरा द्वारा प्रस्तावित विश्वविद्यालय स्थापना के आग्रह पर सकारात्मक रुख जताते हुए कहा कि हम जो कहते हैं, वह करते हैं. इसलिए प्रदेश सरकार के साथ चर्चा कर जल्द ही इसका निर्णय लिया जाएगा. 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गृह मंत्री अमित शाह का राजस्थान की धरती पर स्वागत करते हुए कहा कि “उन्होंने देश के हित में जो ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, उन पर पूरा देश गर्व करता है. उन्होंने भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के लिए नई कानून संहिता बनाई साथ ही CAA के माध्यम से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर आए विस्थापितों को नागरिकता देने का काम किया. मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों के उत्थान के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, “आज दिव्यांगता कमजोरी नहीं, बल्कि सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी है. वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “आज जोधपुर इतिहास का साक्षी बन रहा है. यह केवल एक भवन नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों के आत्मविश्वास और स्वावलंबन का प्रतीक है.”उन्होंने सुशीला जी बोहरा की सराहना करते हुए कहा कि  संसाधनों की कमी के बावजूद उन्होंने जो कार्य किए हैं, वह ‘नारी ही नारायणी’ की भावना को सिद्ध करते हैं. शेखावत ने  कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देखा गया “विकसित भारत” का सपना तभी साकार होगा जब समाज भी इसमें सक्रिय भूमिका निभाएगा.

निश्चित रूप से यह कार्यक्रम जोधपुर ही नहीं, पूरे राजस्थान के लिए प्रेरणास्पद बन गया है. यह केवल एक संस्थान का शिलान्यास नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों के आत्मबल, आत्मनिर्भरता और सम्मान की आधारशिला है. कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन मुंबई की ओर से बनने वाले मोतीलाल ओसवाल ज्ञानदीप महाविद्यालय भवन, मोतीलाल ओसवाल ज्योति भवन गर्ल्स हॉस्टल, और एचजी फाउंडेशन जयपुर की ओर से बनने वाले एचजी फाउंडेशन दिव्य ज्योति भवन बॉयज हॉस्टल का रिमोट दबाकर शिलान्यास किया. वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने भामाशाह एचजी फाऊंडेशन डायरेक्टर विजेंद्र सिंह चौधरी, मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के मोतीलाल ओसवाल को सम्मानित भी किया.