नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर को लेकर बडा बयान दिया है उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए, वे अनुच्छेद थे, जिन्होंने कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में बाधा डाली. पीएम मोदी के दृढ़ संकल्प ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया. इससे देश के बाकी हिस्सों के साथ-साथ कश्मीर का विकास शुरू हुआ.
अनुच्छेद 370 ने घाटी में अलगाववाद के बीज बोए, जो बाद में आतंकवाद में बदल गया. अनुच्छेद 370 ने एक मिथक फैलाया कि कश्मीर और भारत के बीच संबंध अस्थायी है. दशकों तक वहां आतंकवाद था और देश देखता रहा. अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद आतंकवाद 70% कम हो गया है. कांग्रेस हम पर जो चाहे आरोप लगा सकती है. लेकिन कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा.
पीएम मोदी ने 80,000 करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया. हमने न केवल आतंकवाद को नियंत्रित किया बल्कि पीएम मोदी सरकार ने घाटी से आतंक के इको-सिस्टम को भी ध्वस्त कर दिया है. गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि मैं दो केंद्र शासित प्रदेश बनाकर कश्मीर की भाषाओं को नया जीवन देने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं.
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि कश्मीर में बोली जाने वाली हर भाषा को महत्व दिया जाना चाहिए और उसे शामिल किया जाना चाहिए. यह साबित करता है कि किसी भी देश का पीएम देश की भाषाओं के प्रति कैसे संवेदनशील हो सकता है. इतिहासकारों ने जो किया वो किया लेकिन अब हमें कौन रोक सकता है?
देश आजाद है और देश के विचारों के अनुसार सरकार चल रही है. अब हमारा काम है कि हम तथ्यों और प्रमाणों के साथ और अपने दृष्टिकोण से देश का प्रतिनिधित्व करें. कश्मीर को कश्यप की भूमि के रूप में भी जाना जाता है. हो सकता है कि इसका नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया हो.