जयपुर: 15 नवंबर को व्याख्यान माला कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान की ओर से आयोजन रखा गया है. बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ महेश चन्द शर्मा आयोजक है. उन्होंने ही प्रतिष्ठान की नींव रखकर व्याख्यान परम्परा को शुरु किया था.तैयारियों के मद्देनजर सिबिल लाइंस सामुदायिक भवन में बैठक का आयोजन किया गया. व्याख्यान माला कार्यक्रम के आयोजन को 25 साल हो गए.
एकात्म मानवदर्शन को मौजूदा दौर में अगर किसी व्यक्ति ने प्रासंगिक बना रखा है तो वो नाम है डॉ महेश चन्द शर्मा का.एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान की उन्होंने नींव रखी.इसी के तहत व्याख्यान माला के कार्यक्रम शुरु हुए.साल 2000 से प्रतिवर्ष जयपुर शहर में आयोजन होता आ रहा है. इस बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का व्याख्यान होगा. साल 2024 में RSS सह सरकार्यवाह अरूण कुमार मुख्य वक्ता थे. नवंबर में होने वाले कार्यक्रम के मद्देनजर डॉ महेश चन्द शर्मा ने जयपुर में कार्यकर्ताओं की बैठक ली और उन्हें जिम्मेदारियों से अवगत कराया.
व्याख्यान कार्यक्रम को संबोधित कर चुके गणमान्य:
-डॉ. विष्णुकान्त शास्त्री ने राष्ट्रीयता का नियामक सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर बात कही
-डॉ. विद्यानिवास मिश्र बोले थे विराट् पुरुष एवं पुरुषार्थ
- कु.सी. सुदर्शन ने चिति अवधारणा एवं एकात्म मानवदर्शन को सामने रखा
-डॉ. महेश चन्द्र शर्मा ने एकात्म मानववाद एवं धर्म को समझाया
-सुरेश सोनी ने धर्म और विज्ञान तथा एकात्म मानवदर्शन पर बात रखी
-आचार्य श्री महाप्रज्ञ ने एकात्म मानवदर्शन एवं भगवान महावीर का सिद्धांत सामने रखा
-आचार्य दयानंद भार्गव ने एकात्म मानवदर्शन एवं वैदिक चिन्तन को बताया
-डॉ. दीपक शुक्ल ने एकात्म मानवदर्शन एवं पातंजल योग सूत्र की व्याख्या की
-प्रो. बलवंत परशुराम आपट ने विचारधारा एवं शासन समझाई
-लालकृष्ण आडवानी ने लोकमत परिष्कार एवं चुनाव सुधार को सामने रखा
-नरेन्द्र मोदी ने विकास की भारतीय अवधारणा व्यक्त की
-डॉ. मोहनराव भागवत ने भारतीयता एवं आधुनिक चुनौतियाँ पर विचार रखे
-नितिन गडकरी ने राजनीति एवं रचनात्मक कार्य को बताया
-शिवराज सिंह ने एकात्म मानववाद की प्रासंगिकता बताई
-डॉ. कृष्णगोपाल ने दीनदयाल संपूर्ण वाङ्मय की प्रासङ्गिकता को सामने रखा
-सुरेश 'भैयाजी' जोशी ने एकात्म मानवदर्शन की प्रासङ्गिकता को बताया
-राम माधव ने अखण्ड भारत की अवधारणा एवं कश्मीर को समझाया
-डॉ. आरिफ मो. खान ने कश्मीर राज्य का भारत मे सम्पूर्ण अधिमिलन का विश्लेषण किया
-राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भर भारत का संकल्प दोहराया
-मनोज सिन्हा गवर्नर ऑफ कश्मीर ने अनुच्छेद 370 के विलोपन के पश्चात् कश्मीर की स्थिति को बताया
-दत्तात्रेय होसबाले ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कल, आज और कल को सामने रखा
-डॉ. चन्द्रप्रकाश द्विवेदी ने धर्म-दण्ड, धर्म-राज्य एवं संवैधानिकता पर प्रकाश डाला
व्याख्यान कार्यकमों में हर वो बात उठ चुकी जो आज के परिपेक्ष्य में देश में चल रही.चाहे एक राष्ट्र एक चुनाव हो या फिर कश्मीर का मौजूदा स्वरूप. नरेंद्र मोदी भी साल 2011 में व्याख्यान माला को संबोधित कर चुने. लाल कृष्ण आडवाणी, दत्तात्रेय होसबाले , राजनाथ सिंह सरीखे प्रमुख चेहरे व्याख्यान माला की संबोधित कर चुके है.संघ प्रमुख मोहन भागवत दूसरी बार संबंधित करने आएंगे.