जोधपुरः बहुचर्चित अनीता चौधरी हत्याकांड से जुड़े मामले में विश्वसनीय सूत्रों से बड़ी जानकारी मिल रही है. एक बार फिर तैयब अंसारी की भूमिका की पड़ताल की तैयारी है. अनीता चौधरी के पति मनमोहन चौधरी और सुमन के 18 मिनट के ऑडियो पर पड़ताल की जा रही है. आखिर सुमन ने बार-बार मनमोहन चौधरी के सामने अंसारी का नाम क्यों लिया था. सुमन से एक बार फिर पूछताछ के लिए प्रक्रिया शुरू करने की सूचना है. ऐसे में सुमन से सख्ती से पूछताछ होने पर राज खुल सकता है. सुमन से अंसारी से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचना और जानकारी मिल सकती है.
अनीता के पास किसका वीडियो या सीडी ?
आखिर अक्टूबर के माह में क्यों तैयब ने अनीता चौधरी को ब्लॉक कर दिया था. अनीता चौधरी की हत्या से आखिर किसको लाभ होना था. आखिर अनीता के पास किसका वीडियो या सीडी थी. ऐसे में मर्डर मोटिव को सामने लाना पुलिस की प्राथमिकता है. जबकि मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन द्वारा बयान पलटे जाने के कारण परेशानी आ रही है.
गुलामुद्दीन द्वारा फोन करके बुलाने की बात आई सामनेः
सूत्रों के अनुसार कर्ज और उधारी के कारण गुलामुद्दीन टूट सा गया था. छोटी-छोटी रकम भी उसके लिए लाखों करोड़ों जैसी होती थी. और पैसे के लिए कुछ भी करने को तैयार था. ऐसे में गुलामुद्दीन की कमजोरी का फायदा उठाकर टास्क देने की बात सामने आ रही है. हत्या का टास्क देने वाले के सामने आने के साथ पूरा मामला खुल जाएगा. घटना के दिन गुलामुद्दीन द्वारा अनीता चौधरी को फोन करके बुलाने की बात सामने आई है.
एक बोरे में ही शव के आ जाने की थी संभावनाः
अनीता चौधरी ने सोने की चेन और अंगूठियां पहन रखी थी. घटना के वक्त हजारों की नगदी भी अनीता चौधरी के पर्स में थी. गुलामुद्दीन ने हत्या के बाद शव ठिकाने लगाना हल्के में लिया था. एक बोरे में ही शव के आ जाने की संभावना थी. लेकिन खुद का अंदेशा गलत निकलने के कारण दूसरा बोरा काम में लिया गया. और कहीं ले जाने की रिस्क लेने की बजाय खुद के घर के बाहर ही शव दफन कर दिया था.
टास्क को अंजाम देना था संभावित मोटिवः
सूत्रों के अनुसार खुद का कर्जा उतारने के अलावा किसी टास्क को अंजाम देना संभावित मोटिव था. फिलहाल लूट के इरादे से हत्या करना पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो रहा है. लूट के बाद हत्या की साजिश के साथ जोड़ी कड़ी से कड़ी जा रही है. पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में कामयाबी मिल सकती है. आने वाले किसी भी क्षण मामले का खुलासा किया जा सकता है. डीसीपी राजर्षी राज वर्मा के नेतृत्व में जांच पड़ताल चल रही है. पांच एडीसीपी,एक एसीपी और एक इंस्पेक्टर जांच कर रहे है. एडीसीपी निशांत भारद्वाज,राजेंद्र दिवाकर, जयदेव सियाग,धन्नाराम और सुनील पंवार जांच कर रहे है. एसीपी छवि शर्मा और सरदारपुरा थानाधिकारी दिलीप सिंह जांच कर रहे है. पुलिस के साइबर एक्सपर्ट,क्राइम एक्सपर्ट के साथ मिलकर जांच कर रहे है.