नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में बुनियादी ढांचा विकास पर पूंजीगत व्यय 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की घोषणा की गई है. यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.3 प्रतिशत बैठता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि हाल में स्थापित अवसंरचना वित्त सचिवालय की मदद से और निजी निवेश आकर्षित किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि एक विशेषज्ञ समिति की भी स्थापना की जाएगी जो अवसंरचना वर्गीकरण और वित्तीय रूपरेखा को अमृत काल के लिए उपयुक्त बनाने का काम करेगी.
पिछले साल 13 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गतिशक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स लागत को घटाने के लिए एकीकृत बुनियादी ढांचे का विकास करना है. सोर्स- भाषा