जयपुरः लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होते ही भजनलाल सरकार में फिर नियुक्तियों का दौर शुरु हो गया है. मानवाधिकार और सूचना आय़ोग में यह नियुक्तियां हुई है. खास बात है कि पांच रिटायर्ड अफसरों को भी नियुक्तियां मिली है. जिसमें दो पूर्व आईएएस,दो पूर्व आईपीएस और एक लॉ विभाग के पूर्व ऑफिसर शामिल है.
सूबे की भजनलाल सरकार में एक बार राजनीतिक नियुक्तियों का दौर शुरु हो गया है. दूसरे फेज में राजस्थान मानवाधिकार आयोग और राज्य सूचना आयोग में नियुक्ति हुई है. खास बात है कि इन नियुक्तियों में इस बार रिटायर्ड अफसरों की बल्ले-बल्ले हो गई है. पांच पूर्व अफसरों को इन दोनों आयोगों में नियुक्तियां दी गई है.
दो पूर्व IAS दो पूर्व IPS को मिली नियुक्ति
लॉ डिपार्टमेंट के पूर्व अधिकारी को भी मिला मौका
पूर्व IPS अशोक गुप्ता बने मानवाधिकार आयोग सदस्य
पूर्व IPS एमएल लाठर बने मुख्य सूचना आयुक्त
पूर्व IAS महेन्द्र पारख और सुरेश चंद गुप्ता बने सूचना आय़ुक्त
विधि विभाग के पूर्व अफसर टीकाराम शर्मा बने सूचना आय़ुक्त
ऐसा नहीं है भाजपा सरकार में ही रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स को नियुक्तियां मिल रही है. इससे पहले गहलोत सरकार में करीब दो दर्जन के आसपास पूर्व अफसरों को नियुक्तियां दी गई थी. लेकिन गहलोत सरकार में अफसरों को ज्यादा मौका देने पर भाजपा ने खूब सियासी सवाल खड़े किए थे. भाजपा ने इस मुद्दें को उस वक्त काफी तूल दिया था..लेकिन कह सकते है कि अब भाजपा भी गहलोत सरकार की राह पर है. करीब 7 माह में ही 5 अफसरों को यह नियुक्तियां दी गई है. सूचना आय़ोग में तो चारों नियुक्तियां ही पूर्व अफसरों को दी गई है.
अफसरों को रिटायर होने के बाद नियुक्तियां देने से सबसे ज्यादा हताशा पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को होती है. क्योंकि सत्ता में पार्टी को लाने के लिए सबसे ज्यादा संघर्ष औऱ मेहनत वो ही करते हैं. पिछली सरकार की विदाई में अफसरों को लगातार नियुक्तियां देना भी एक बड़ा कारण रहा था. अब देखना होगा कि भाजपा सरकार क्या आगे भी पूर्व अफसरों को अपॉइंटमेंट देने का सिलसिला जारी रखती है या नहीं.