गहलोत-पायलट विवाद समाधान प्रकरण ! आखिर कब तक आलाकमान अपना समय बर्बाद करता रहेगा ?

जयपुर: गहलोत-पायलट विवाद समाधान प्रकरण में आखिर कब तक आलाकमान अपना समय बर्बाद करता रहेगा ? पिछले तीन वर्षों में गांधी परिवार कोई स्थाई समाधान नहीं ढूंढ पाया है. ...और अब जब पायलट पार्टी छोड़ने के कगार पर पहुंच गए हैं तो एक बार फिर 'कन्फ्यूज्ड आलाकमान' ने समझौता प्रक्रिया शुरू की है. गुरुवार सुबह से राहुल-खड़गे-वेणुगोपाल-कमलनाथ-रंधावा-पायलट आपस में चर्चा कर चुके. 

इस दौरान आलाकमान ने इन सबको गहलोत-पायलट के बीच सर्वसम्मत हल ढूंढने की जिम्मेदारी दी है. लेकिन प्रेक्षकों के अनुसार एक बार फिर ये सारी प्रक्रिया अर्थहीन साबित होगी. क्योंकि पायलट को केवल मुख्यमंत्री की कुर्सी चाहिए और गहलोत कभी पायलट के लिए कुर्सी खाली नहीं करेंगे. इसलिए इन सारे प्रयासों का शायद ही कोई ठोस परिणाम निकले. 

पायलट ने आगामी चुनाव में टिकट वितरण का मुद्दा उठाया:
इस बीच गुरुवार शाम कमलनाथ के साथ सचिन पायलट की दो घंटे चर्चा हुई है. सूत्रों के अनुसार इस दौरान पायलट ने आगामी चुनाव में टिकट वितरण का मुद्दा उठाया है. उन्होंने टिकट बंटवारे में खुद की हिस्सेदारी का मुद्दा उठाया है. लेकिन पायलट पहले ही AICC महासचिव का ऑफर ठुकरा चुके तो अब क्या बाकी बचा है ? ले देकर पीसीसी चीफ की बात है लेकिन इसके लिए क्या गहलोत और पायलट खुद भी तैयार होंगे?