जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) में कांग्रेस की हार के बाद अशोक गहलोत ने रविवार शाम को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया है. जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है. इस बार कांग्रेस को उम्मीद थी कि सरकार रिपीट होगी और राजस्थान में दशकों से चला आ रहा रिवाज अबकी बार बदलेगा. लेकिन इस बार भी रिवाज कायम रहा और भाजपा ने 115 सीटों पर जीत हासिल कर भगवा लहरा दिया, तो वहीं कांग्रेस ने 69 और अन्य ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की.
आपको बता दें कि अशोक गहलोत राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रहे है. गहलोत ने 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री का पद संभाला था, इसके बाद वह 2003 तक मुख्यमंत्री रहे. 2008 में फिर कांग्रेस सत्ता में वापसी करने के बाद अशोक गहलोत को ही सूबे की कमान मिली. इसके बाद साल 2018 में कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में आई और मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत ने तीसरी राजस्थान कि सत्ता मिली.
मीडिया से क्या बोले अशोक गहलोत
राजस्थान विधानसभा चुनाव में हार के बाद अशोक गहलोत मीडिया से रूबरू हुए इस दौरान उन्होंने कहा कि, 'जनता का जनादेश स्वीकार है' हमारी योजनाओं का हम सही से प्रचार नहीं कर पाए. कुछ टिकट वितरण में भी गलतियां हुई है. हमारी पार्टी इस हार की समीक्षा करेगी. हमारी उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं आए है. भाजपा के बहकावे में जनता आ गई है. भाजपा के पास राजस्थान में कोई मुद्दा नहीं था. राजस्थान में विकास कार्यों के नाम पर वोटिंग नहीं हुई. भाजपा ने हिंदू-मुस्लिम के नाम पर वोट मांगे और ध्रुवीकरण करने की कोशिश की.