नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को संसद में कहा कि भारतीय रेल ने विभिन्न धरोहर व पहाड़ी मार्गों पर 35 हाइड्रोजन रेलगाड़ियां चलाने की परिकल्पना की है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारतीय रेल ने विभिन्न धरोहर व पहाड़ी मार्गों पर प्रति गाड़ी 80 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत और प्रति मार्ग 70 करोड़ रुपये की आधारभूत अवसंरचना पर "हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज" के तहत 35 हाइड्रोजन रेलगाड़ियां चलाने की परिकल्पना की है.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारतीय रेल ने 111.83 करोड़ रुपये की लागत पर आधारभूत अवसंरचना के साथ-साथ मौजूदा डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (डेमू) रेक को हाइड्रोजन ईंधन संचालित बनाने के लिए आवश्यक बदलाव की खातिर एक प्रायोगिक परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई है.
इस रेलगाड़ी को उत्तर रेलवे के जींद-सोनीपत खंड पर चलाए जाने की योजना है. उन्होंने कहा कि जींद-सोनीपत खंड पर पहले नमूने का जमीनी परीक्षण वर्ष 2023-2024 में शुरू किए जाने की संभावना है. मंत्री ने कहा कि यह अनुमान लगाया गया है कि हाइड्रोजन ईंधन गाड़ी-सेट की आरंभिक चालन लागत अधिक होगी जिसे बाद में गाड़ियों की संख्या में बढ़ोत्तरी करके कम किया जाएगा. (भाषा)