VIDEO: राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर भर्ती होगी रद्द! देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजूवास यूनिवर्सिटी की सहायक प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया रद्द होगी. पशुपालन विभाग की जांच कमेटी ने अपनी फाइनल रिपोर्ट में भर्ती प्रक्रिया को त्रुटिपूर्ण माना है. साथ ही भर्ती को निरस्त करने की अनुशंसा की है. अब अंतिम निर्णय पशुपालन सचिव और पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया के स्तर से होगा. बड़ी बात यह है कि भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ियों का खुलासा सबसे पहले फर्स्ट इंडिया न्यूज ने किया था. राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर भर्ती को निरस्त किया जाएगा. इस मामले में पशुपालन विभाग की जांच कमेटी ने अपनी फाइनल रिपोर्ट सब्मिट कर दी है. दरअसल सहायक प्रोफेसर के 72 पदों पर की जा रही इस भर्ती में रोस्टर से छेड़छाड़ और एससी-एसटी के बैकलॉग के पदों को कम करने सम्बंधी शिकायतें हुई थी. 

सीएमओ के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने भर्ती में गड़बड़ियों की जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी. 21 दिसंबर 2022 को पशुपालन विभाग की उप सचिव कश्मी कौर ने एक आदेश जारी कर भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. इसके बाद पशुपालन विभाग ने डीओपी से भी राय मांगी थी. डीओपी ने इस मामले में प्रशासनिक विभाग को ही निर्णय करने के लिए कहा था. साथ ही रोस्टर से जुड़े बिन्दुओं पर जानकारी मांगी थी. इसके बाद 28 मार्च को पशुपालन विभाग ने विश्वविद्यालय से जवाब मांगा गया था. 31 मार्च को विश्वविद्यालय के जवाब के आधार पर कमेटी ने 4 अप्रैल को बैठक कर अपनी फाइनल रिपोर्ट दी है. पशुपालन विभाग की उप सचिव कश्मी कौर की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी ने अब भर्ती रद्द करने की अनुशंसा की है.

कैसी-कैसी हुई गड़बड़ियां ?:
गड़बड़ी नंबर 1

- आवेदन की अंतिम तिथि के बाद स्कोर कार्ड के अंकों में किया फेरबदल
- 23 जून 2022 को आवेदन लेने शुरू किए, 18 जुलाई थी अंतिम तिथि
- फिर 28 अगस्त को विश्वविद्यालय की बोम बैठक में एक निर्णय किया गया
- पशु चिकित्सा अधिकारी के रूप में किए कार्य के अनुभव अंक देने का निर्णय
- लेकिन इस निर्णय के बाद आवेदन की अंतिम तिथि नहीं बढ़ाई गई
- इस कारण चहेते लाभान्वित हुए, बड़ी संख्या में लोग आवेदन से वंचित रह गए
- कमेटी ने माना, विज्ञापन के बाद योग्यता में बदलाव करना सही नहीं
- 16 जनवरी 2023 को फर्स्ट इंडिया न्यूज ने इस गड़बड़ी का खुलासा किया

गड़बड़ी नंबर 2:
- असिस्टेंट लाइब्रेरियन के पद को असिस्टेंट प्रोफेसर के रोस्टर में शामिल किया
- असिस्टेंट लाइब्रेरियन का पद है अशैक्षणिक संवर्ग का 
- जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर का पद है शैक्षणिक संवर्ग का
- असिस्टेंट लाइब्रेरियन के 4 पदों को असिस्टेंट प्रोफेसर में शामिल किया
- इससे रोस्टर बिन्दु बदलेगा, यानी भर्ती प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण की गई

गड़बड़ी नंबर 3:
- रोस्टर पंजिका के संधारण में त्रुटि की गई
- विश्वविद्यालय द्वारा 27 फरवरी 2021 को शैक्षणिक पदों का रोस्टर बनाया गया
- इसमें सहायक आचार्य के 208 पद, बैकलॉग में एससी के 4, एसटी के 5 पद दर्शाए
- 9 जुलाई 2021 को दुबारा हुए रोस्टर में सहायक आचार्य के 257 पद दर्शाए
- इसमें बैकलॉग के एससी के 2, एसटी के मात्र 3 पद दर्शाए गए
- जबकि 23 जून को जो भर्ती का विज्ञापन था, उसमें एससी-एसटी के मात्र 1-1 पद थे
- यह दर्शाती है कि बैकलॉग की गणना त्रुटिपूर्ण है और भर्ती पर प्रश्न चिन्ह लगे
- कई अन्य पदों की संख्या और विज्ञापित पदों में भी है अंतर
- फर्स्ट इंडिया न्यूज ने 16 जनवरी की खबर में उठाई थी ये सभी गड़बड़ियां

राजूवास की इस भर्ती में गड़बड़ियों को लेकर फर्स्ट इंडिया न्यूज ने 30 जनवरी 2023 को भी खबर प्रसारित कर बताया था कि भर्ती में इन गड़बड़ियों को लेकर आधा दर्जन विधायकों ने भी सीएमओ को विरोध किया है. विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा, रामकेश मीणा, गोपाल मीणा, घनश्याम मेहर और रूपाराम ने बैकलॉग पदों में कमी करने और रोस्टर से छेड़छाड़ किए जाने को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी. 14 फरवरी को फर्स्ट इंडिया न्यूज ने खबर प्रसारित कर बताया था कि विभागीय कमेटी की जांच के बाद अब मामले में डीओपी द्वारा जांच की जा रही है. इस मामले में अब अनुसूचित जाति पशु चिकित्सक संघ ने पशुपालन मंत्री व राज्य सरकार को पत्र लिखकर भर्ती निरस्त करने की मांग की है. 

भर्ती में अब क्या होगा ?:
- कमेटी में पशुपालन उप सचिव कश्मी कौर, अतिरिक्त निदेशक डॉ. चंद्रप्रकाश भाटी
- उप निदेशक सुधीर कुमार, सहायक विधि परामर्शी अजय अग्रवाल और
- अनुभाग अधिकारी गिरजा शंकर चतुर्वेदी हैं शामिल
- कमेटी की रिपोर्ट पर अब डीओपी ने लिखा, पशुपालन विभाग ही निर्णय करे
- कमेटी की रिपोर्ट को पशुपालन सचिव कृष्ण कुणाल मंत्री तक भेजेंगे 
- मंत्री लालचंद कटारिया की ओर से भर्ती निरस्त करने सम्बंधी निर्णय होगा  

अब सवाल यह है कि भर्ती रद्द होने के बाद क्या विश्वविद्यालय प्रशासन के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी ? जिन लोगों ने रोस्टर में गड़बड़ियां की और बैकलॉग के पदो से छेड़छाड़ की उन पर कार्यवाही होगी ? चहेतों को लाभ देने के लिए भर्ती आवेदन लेने के बाद पशु चिकित्सा अधिकारी के अनुभव अंक जोड़ने का फैसला किया गया, क्या उन पर भी कार्रवाई होगी ? क्योंकि इन अधिकारियों ने चहेतों को लाभ देने के लिए अन्य मेधावी विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने का कार्य तो किया ही है, साथ ही अभ्यर्थियों का समय और धनराशि बर्बाद हुई वह अलग.