लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के विपक्षी दलों के ऐलान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्ष का रवैया गैर जिम्मेदार और लोकतंत्र को कमजोर करने वाला है. मुख्यमंत्री योगी ने अपने बयान का एक वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए कहा कि 'स्वतंत्र भारत के इतिहास में 28 मई की तारीख एक गौरवशाली तिथि के रूप में दर्ज होने जा रही है, जब देश के यशस्वी प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) द्वारा भारत के लोकतंत्र की प्रतीक नई संसद भारतवासियों को भेंट की जाएगी.'
उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर को गौरवशाली बनाने की बजाय कांग्रेस समेत विपक्षी दलों द्वारा जिस प्रकार की बयानबाजी हो रही है, वह अत्यंत दुखद और लोकतंत्र को कमजोर करने वाली है. उन्होंने कहा कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है जिसपर पूरा देश और दुनिया गर्व महसूस करती है. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का बयान एक दिन बाद आया जब विपक्षी दलों ने मोदी द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के अपने फैसले की घोषणा की. आदित्यनाथ ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री इस तरह का उद्घाटन करने जा रहे हैं, इससे पहले प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का उद्घाटन किया था और राजीव गांधी ने संसद पुस्तकालय की नींव रखी थी. उन्होंने कहा कि विपक्ष अपने बयानों से गौरवशाली क्षण को कुत्सित करने का जो प्रयास कर रहा है, मुझे लगता है कि देश इस प्रकार की बातों को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं करेगा.
नया संसद भवन आज की जरूरत है और अगले 100 साल के मद्देनजर इसे बनाया गया है. मुख्यमंत्री ने सभी से इस उद्घाटन समारोह का साक्षी बनने की अपील की और लोकतंत्र को मजबूत बनाने का आह्वान किया. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नये भवन का उद्घाटन करेंगे. कांग्रेस ने संसद के नये भवन के उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बृहस्पतिवार को निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘एक व्यक्ति के अहंकार और खुद के प्रचार की आकांक्षा’’ ने देश की प्रथम जनजातीय महिला राष्ट्रपति को इस भवन का उद्घाटन करने के संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है. कांग्रेस की इस टिप्पणी से एक दिन पहले ही 19 विपक्षी दलों ने मोदी द्वारा संसद के नये भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का ऐलान किया. सोर्स- भाषा