VIDEO: ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैकों का संचालन अब परिवहन विभाग अपने स्तर पर करेगा, निजी कंपनी का खत्म होने वाला है कॉन्ट्रैक्ट, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: परिवहन विभाग में सभी ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैकों का संचालन अब परिवहन विभाग अपने स्तर पर करेगा. जयपुर आरटीओ की तर्ज पर ही अन्य आरटीओ और डीटीओ कार्यालयों में भी विभाग के स्तर पर ही यह ट्रैक संचालित होंगे.

प्रदेश में योग्य लोगों को ही गाड़ी चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस मिले इसके लिए परिवहन विभाग ने ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैकों बनाए थे. अभी तक प्रदेश के सभी ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैकों का संचालन एक निजी कंपनी की ओर से किया जा रहा था लेकिन अब सभी ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैकों पर निजी कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि खत्म होने वाली है. जिस तरह परिवहन विभाग ने जयपुर आरटीओ कार्यालय में निजी कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि खत्म होने के बाद ट्रैक का संचालन खुद के स्तर पर शुरू किया है उसी तर्ज पर प्रदेश के अन्य कार्यालयों में भी मौजूद ऑटोमेटेड ट्रैकों का संचालन विभाग अपने स्तर पर ही करेगा परिवहन आयुक्त ने उन सभी आरटीओ और DTO को निर्देश जारी किए हैं. जिनके कार्यालयों में ट्रैक के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि खत्म होने वाली है. 

परिवहन आयुक्त ने अपने निर्देशों में कहा है कि ट्रैक के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि खत्म होने के दिन ही सभी RTO और डीटीओ को ट्रैक का पजेशन लेना होगा जब तक विभाग की ओर से नए सॉफ्टवेयर को तैयार नहीं कर लिया जाता जब तक कंपनी के सॉफ्टवेयर से ही इसका संचालन किया जाएगा. परिवहन आयुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ट्रैक के सुचारू संचालन के लिए समय रहते संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति कर ली जाए. परिवहन आयुक्त ने विशेष तौर पर अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि ट्रैक को हैंडोवर टेकओवर करते समय सुनिश्चित किया जाए कि उसमें किसी तरह की कोई खराबी नहीं हो नॉन वर्किंग कंडीशन में ट्रैक का हैंड ओवर टेक ओवर नहीं किया जाएगा.

ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैकों पर कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि खत्म होने के बाद परिवहन विभाग अपने स्तर पर इन ट्रैकों के संचालन की तैयारी तो कर रहा है लेकिन जिस तरह से जयपुर में जगतपुरा परिवहन कार्यालय का ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक विभाग के काबू में नहीं आ रहा उससे यह आशंका जताई जा रही है कि बाकी कार्यालयों में भी जगतपुरा जैसी हालत हो सकती है. जगतपुरा परिवहन कार्यालय में विभाग ने जबसे ट्रैक का पजेशन लिया है तब से ही यहां पर स्थाई रूप से ट्रायल नहीं हो पा रही है हालत इतनी खराब है कि कौन सा ट्रैक कब खराब हो जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है बड़ी संख्या में यहां से लोगों को बिना ट्रायल दिए लौटना पड़ रहा है बरसात के मौसम में तो जगतपुरा परिवहन कार्यालय के ट्रैक की हालत और खराब हो गई है यहां पर लंबे समय से चौपहिया वाहनों का एक और दोपहिया वाहनों का एक ट्रैक खराब पड़ा हुआ है. 

प्रदेश के अन्य शहरों में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को जयपुर जैसी तकलीफ नहीं हो इसके लिए विभाग के पास दो विकल्प मौजूद हैं पहला विकल्प है कि विभाग जब तक इन ट्रैकों का स्थाई समाधान नहीं निकलता तब तक मैनुअल ट्रायल लेना शुरू कर दे क्योंकि जयपुर के आरटीओ कार्यालय द्वितीय में अभी भी मैनुअल ट्रायल लिया जा रहा है,, विभाग के पास दूसरा विकल्प यह भी है कि स्थाई समाधान होने तक जिस कंपनी के कांटेक्ट की अवधि खत्म हो रही है उसको 2 से 3 महीने का एक्सटेंशन दे दिया जाए

किस कार्यालय में कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट कब खत्म हो रहा है

सीकर , बीकानेर, डीडवाना में 12 जुलाई को खत्म हो रही कॉन्ट्रैक्ट की अवधि

पाली आरटीओ में 13 जुलाई को कॉन्ट्रैक्ट की अवधि ख़त्म होगी

अलवर भरतपुर और जोधपुर आरटीओ में 16 जुलाई को खत्म होगी कॉन्ट्रैक्ट की अवधि

दौसा आरटीओ में यह अवधि 19 जुलाई को खत्म हो जाएगी

झालावाड़ डीटीओ कार्यालय में 4 अगस्त उदयपुर आरटीओ में 23 अगस्त को अवधि होगी खत्म

कोटा  और चित्तौड़ आरटीओ में 24 अगस्त को खत्म हो जाएगी अवधि