जयपुरः डिप्टी सीएम दीया कुमारी बतौर वित्त मंत्री आज राजस्थान का बजट पेश करेंगी. राजस्थान विधानसभा में राज्य का बजट पेश होगा. बजट में राजस्थान की आशा और सपनों की तस्वीर ही नहीं बल्कि भविष्य के विकास की बुनियाद को लेकर भावना समाहित होगी. इसी कड़ी में प्रमुख घोषणाएं होने के आसार है. भजनलाल सरकार का पूरा जोर इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूती पर रहेगा.
मेट्रो के विस्तार के बारे में बजट में घोषणा संभव है. विद्याधर नगर तक इसे बढ़ाया जा सकता है. सरकार का 2025 में रिफाइनरी फंक्शनल करने का लक्ष्य है. ऐसे में इसे लेकर भी बजट में बड़ी घोषणा हो सकती है. जयपुर और अन्य जगहों पर एलिवेटेड रोड और पुल के लिए भी घोषणा संभव है. ERCP में नये इलाके जोड़े जाने की घोषणा हो सकती है. अभी 13 जिलों के मौजूदा इलाके में विस्तार करने की घोषणा हो सकती है. रामगढ़ बांध को ERCP में लेने पर घोषणा हो सकती है. जयपुर, जोधपुर और कोटा में 2 नगर निगमों को फिर से एक करने की घोषणा के आसार, पूर्ववर्ती सरकार ने जयपुर,जोधपुर और कोटा में 2-2 नगर निगम बनाए थे.
टैक्सटाइल नीति बनाने की घोषणा संभवः
अपराधियों की प्रोपर्टी कुर्क करने का निगरानी तंत्र बनाने की घोषणा हो सकती है. हार्डकोर बदमाशों की प्रोपर्टी जब्त करने के लिए एक मैकेनिज्म बनाने की घोषणा संभव है. विधायकों की मांग पर पोपुलर डिमांड से जुड़ी छोटी घोषणाएं भी संभव, कई सेक्टर में नई नीतियां बनाने की घोषणा होगी. राज्य की नई उद्योग नीति, नई निवेश प्रोत्साहन नीति, नई खनन नीति, नई पर्यावरण नीति, टैक्सटाइल नीति बनाने की घोषणा संभव है. खनन क्षेत्र में नए अवसर तलाशने और प्रीसियस-सेमी प्रीसियस खनिजों पर फोकस संभव है.
तबादलों का बदलेगा पुराना पैटर्नः
तबादलों के लिए केंद्र समान नीति संभव है. केंद्र सरकार से पहले आ रहे बजट में तबादलों का पुराना पैटर्न बदलेगा. सभी विभागों के लिए नई तबादला नीति की घोषणा के आसार है. नई तबादला नीति में भी विधायकों की पहले की तरह ही चलती रहेगी. प्रदेश में अब तबादले इस नई तबादला नीति के हिसाब से करने के आसार है. हर विभाग में एक तय समय बाद केंद्र की तरह तबादले हो सकते है. पहले तबादला नीति में विधायकों की सिफारिश का प्रावधान नहीं था. लेकिन बाद में इस तरह का प्रावधान जोड़ा गया. तबादले हमेशा ओपन रखने का प्रावधान नई नीति में संभव है. तबादलों पर बैन लगाने की मौजूदा व्यवस्था की जगह नई व्यवस्था लागू करना संभव है. तबादलों पर बैन लगाने और खोलने के सिस्टम से पूरा सरकारी तंत्र डिस्टर्ब होता है. इसलिए अब नई नीति में हमेशा तबादले ओपन रखने का प्रावधान हो सकता है. जनप्रतिनिधियों की सिफारिश को भी समाहित कर नई नीति में प्रावधान हो सकता है.