जयपुरः प्रदेश के बड़े अस्पतालों में अब चिकित्सकों की लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं होगी. मेडिकल कॉलेज हो या अटैच हॉस्पिटल, निर्धारित समय पर नहीं पहुंचने वाले बड़े डॉक्टरों को न सिर्फ अनुपस्थित माना जाएगा, बल्कि उसी हिसाब से मासिक तनख्वाह दी जाएगी. चिकित्सा शिक्षा विभाग के इस ताजा फरमान को लेकर मेडिकल टीचर्स में मिलीजुली प्रतिक्रिया शुरू हो गई है. आखिर क्या है सरकार की मंशा और नए फरमान से अस्पतालों की व्यवस्था में कैसे होगा आमूलचुल परिवर्तन.
राजस्थान समेत देशभर के मेडिकल कॉलेजों की गर्वर्निंग बोडी नेशनल मेडिकल कमिशन चिकित्सक शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर काफी गंभीर है. क्लासरूम हो या अस्पताल, फील्ड से लगातार चिकित्सक शिक्षकों की गैरहाजिरी की रिपोर्ट पर एनएमसी ने इनेबल बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम/फेस AE-BAS लागू किया हुआ है. जिसमें 75 फीसदी उपस्थिति को अनिवार्य किया हुआ है. लेकिन पिछले दिनों जब एनएमसी की टीमें निरीक्षण के लिए आई तो अधिकांश चिकित्सकों की उपस्थिति काफी कम दर्ज की हुई मिली. ऐसे में एनएमसी की तरफ से चिकित्सा शिक्षा विभाग को आपत्ति दर्ज करवाई गई, जिसके बाद हरकत में आए विभाग ने बड़ा कदम उठाते हुए AE-BAS सिस्टम को वेतन भुगतान से कनेक्ट कर दिया है. विभाग की तरफ से सभी मेडिकल कॉलेज प्राचार्यों को पत्र लिखकर सितम्बर माह से मेडिकल टीचर्स की तनख्वाह AE-BAS सिस्टम में दर्ज उपस्थिति के आधार पर ही करने के निर्देश दिए गए है.
125 से अधिक चिकित्सकों की नहीं 75% हाजिरी
प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस मेडिकल कॉलेज का अटेंडेंस रिपोर्ट कार्ड
उपस्थिति सिस्टम AE-BAS को वेतन से इंटरलिंक करने के फैसले पर पड़ताल
इनेबल बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम/फेस AE-BAS को जब फर्स्ट इंडिया ने खंगाला
तो सामने आया कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज में अगस्त माह में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर,
असिस्टेंट प्रोफेसर और डेमोस्टेटर की 693 फैकल्टी मौजूद,556 रहे 75 फीसदी से अधिक उपस्थित
प्रोफेसर पद पर 314 में से 259, एसो.प्रोफेसर पद पर 154 में से 127, एपी के पद पर 163 में से 116
डेमोस्टेटर के पद पर 62 में से 54 फैकल्टी की पूरी कर पाई 75 फीसदी अटेंडेंस की अनिवार्यता
यानी अगस्त माह में एसएमएस में दर्ज किया गया 125 मेडिकल टीचर्स का शॉट फॉल
इसी तरह की मनमानी पर रोक लगाने और मरीजों की सेवाओं में सुधार के लिए शुरू की गई सख्ती
अब यदि मेडिकल टीचर्स नहीं करेंगे बायोमेट्रिक हाजिरी, तो वेतन से होगी उस दिन की कटौती
चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से मरीज और स्टूडेंट हित में लिए गए फैसले को लेकर लेटलतीफ मेडिकल टीचर्स में खलबली का माहौल है. राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने विभाग के फैसले पर विरोध दर्ज कराया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ धीरज जैफ ने कहा है एनएमसी की गाइडलाइन बायोमेट्रिक हाजिर कराने की है. उसे वेतन से जोड़ने का निर्णय राज्य सरकार का है, जिसका हम विरोध करते है.