जयपुर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश के किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद पर विचार करेगी. उन्होंने शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बाजरे की खरीद पर पूछे गए प्रश्न पर स्पष्ट करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के पांच साल के कार्यकाल में प्रदेश के किसानों के साथ धोखा हुआ और एमएसपी पर बाजरे की फसल की खरीद नहीं की गई. उन्होंने कहा कि गत सरकार के समय में बाजरे के किसानों को 1400 रुपए से 1500 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होना पड़ा, जबकि उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा और मध्य प्रदेश के किसानों का बाजरा 2300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा था. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जो कहती है वह करके दिखाती है.
वर्तमान सरकार के गठन के बाद बाजरे की पहली फसल आएगी. हम किसानों को लाभान्वित करने का पूरा प्रयास करेंगे. इससे पहले खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बाजरे के उत्पादन और खरीद के सम्बन्ध में सदस्य डॉ. ऋतु बनावत द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
श्रीअन्न को देश-विदेश में बढ़ावा दे रहे हैं. मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार भी श्रीअन्न को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए तत्पर है. हमारी सरकार के समय में गेहूं के समर्थन मूल्य पर 125 रुपए प्रति क्विंटल अतिरिक्त बोनस देने, किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 650 करोड़ रुपए देने, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी करने एवं कृषि कनेक्शन जारी करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय किए गए हैं. उन्होंने कहा कि लम्बे समय से प्रदेश में एमएसपी पर बाजरे की खरीद नहीं की गई है, लेकिन हमारी सरकार इस पर गम्भीरता से विचार करेगी.
इससे पहले खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि प्रदेश में वर्ष 2022.23 में 59 लाख 18 हजार 718 टन एवं 2023.24 में 43 लाख 82 हजार 760 मैट्रिक टन बाजरे का उत्पादन हुआ. उन्होंने बताया कि खरीफ विपणन सीजन वर्ष 2022.23 एवं 2023.24 के दौरान प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया. बाजरे का लक्ष्य निर्धारित नहीं होने से खरीद नहीं हुई. उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में आने वाली खरीफ फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है.