जयपुर: सांभर झील में फैले एवियन बोच्यूलिज्म रोग से अब तक करीब 750 देशी-विदेशी परिंदों की अकाल मौत हो चुकी है और परिंदों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं रे रहा हालाकि रेस्क्यू सेंटर से ठीक हुए 39 परिंदों को अब तक आजाद किया जा चुका है.
सांभर झील एक बार फिर से विदेशी परिंदो की मौत का सिलसिला शुरू हो गया है. गत 26 अक्टूबर को छह विदेशी परिंदों के घायल होने की सूचना मिली थी और एक परिंदे की मौत हुई. इसके बाद से लगातार देशी-विदेशी पक्षी घायल होकर मरते रहे. बीमारी के प्राथमिक लक्षणों में कहा गया कि एवियन बोच्यूलिज्म रोग फिर से फैला है और IVRI बरेली की रिपोर्ट ने खुलासा कर दिया कि एविनय बोच्यूलिज्म से ही परिंदों की मौत हो रही है. उस दौरान पशुपालन विभाग, वन विभाग, जिला प्रशासन और संबंधित विभागों की टीम काम में जुट गई और झील व भराव क्षेत्र से मृत व घायल परिंदों को निकालना शुरू किया गया. अब तक 750 मृत परिंदों की पुष्टि हो चुकी है.
सांभर झील से जुड़ी जानकारी
- झील में अब तक करीब 750 देशी-विदेशी परिंदों की हुई मौत
- 28 और 31 अक्टूबर को हुई सबसे ज्यादा परिंदों की मौत
- अब तक 235 असहाय परिंदों को रेस्क्यू किया गया
- झील बाहर निकालने के बाद परिवहन के दौरान 17 परिंदों की मौत
- रेस्क्यू सेंटर में इलाज के दौरान 126 परिदों की हुई मौत
- झील और आसपास से एकत्रित किए 591 मृत परिंदे
- रेस्क्यू सेंटर में उपचार के बाद झील में छोड़े गए 39 परिंदे
- झील में 6 नवंबर को छोड़े गए 38 देशी-विदेशी परिंदे
- रेस्क्यू सेंटर में अब भी चल रहा है 53 परिंदों का उपचार
- डंपिंग यार्ड में जलाकर मृत परिंदों का किया जा रहा निस्तारण
पांच साल पहले हजारों परिंदों की अकाल मौत की त्रिसदी झेल चुकी सांभर झील में उसी रोग ने चिंता बढ़ा दी है. हालाकि रोग पर काबू पाने के प्रयास रंग ला रहे हैं और मृत परिंदों की संख्या में लगातार कमी हो रही है. लेकिन कुछ कहा नहीं जा सकता कि कौनसा दिन विदेशी परिंदों पर भारी पड़े और मौत का आंकड़ा तेजी पकड़ ले. पिछले 12 दिन से परिंदों की मौत जारी है. उधर, झील पर तैनात टीमें दावा कर रही हैं कि स्थिति पर काबू पाया जा रहा है.