नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि वह शहर की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को दबाने के लिए दिल्ली के अधिकारियों पर ‘असंवैधानिक’ नियंत्रण बनाए रखना चाहती है.
सिसोदिया का यह आरोप सरकारी विज्ञापनों की आड़ में राजनीतिक विज्ञापनों पर कथित तौर पर खर्च किए गए 163.62 करोड़ रुपये की वसूली के लिए ‘आप’ को जारी एक नोटिस के मद्देनजर आया है. इस घटनाक्रम से एक महीने पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्य सचिव को सरकारी विज्ञापनों की आड़ में राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित करने के मामले में ‘आप’ से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया था.
पूरी राशि का भुगतान करना अनिवार्य है:
सूत्रों ने बताया कि सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी) की ओर से जारी वसूली नोटिस में उक्त राशि पर लगाया गया ब्याज भी शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि नोटिस के तहत ‘आप’ के लिए 10 दिनों के भीतर पूरी राशि का भुगतान करना अनिवार्य है. एक सूत्र ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से पूर्व में जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अगर ‘आप’ संयोजक भुगतान में नाकाम रहते हैं, तो पार्टी की संपत्तियों की कुर्की सहित सभी कानूनी कार्रवाई समयबद्ध तरीके से की जाएगी.
नियंत्रण बनाए रखना चाहती है भाजपा:
सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया कि दिल्ली के अधिकारियों पर असंवैधानिक नियंत्रण का नाजायज इस्तेमाल देखिए भाजपा ने दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय की सचिव एलिस वाज (आईएएस) से नोटिस दिलवाया है कि 2017 से दिल्ली के बाहर के राज्यों में दिए गए विज्ञापनों का खर्च मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी से वसूला जाएगा. उन्होंने आगे लिखा कि दिल्ली के अखबारों में भाजपा के तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों के विज्ञापन छपते हैं. पूरी दिल्ली में भाजपा के मुख्यमंत्रियों के फोटो वाले सरकारी होर्डिंग लगे हैं. क्या इनका खर्च भाजपा के मुख्यमंत्रियों से वसूला जाएगा? सिसोदिया ने कहा कि क्या इसीलिए दिल्ली के अधिकारियों पर असंवैधानिक नियंत्रण बनाए रखना चाहती है भाजपा. सोर्स-भाषा